नई दिल्ली, 20 फरवरी। विश्व बाजार में आई गिरावट से घरेलू बाजार में स्पिनिंग मिलों की मांग कमजोर होने के कारण मंगलवार को उत्तर भारत के राज्यों के साथ ही गुजरात में कॉटन के दाम घट गए।
गुजरात के अहमदाबाद में 29 शंकर-6 किस्म की कॉटन के भाव 300 रुपये घटकर 57,400 से 57,800 रुपये प्रति कैंडी, एक कैंडी-356 किलो रह गए।
पंजाब में रुई के हाजिर डिलीवरी के भाव 50 रुपये घटकर 5575 से 5625 रुपये प्रति मन बोले गए। हरियाणा में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के भाव 50 रुपये नरम होकर 5525 से 5625 रुपये प्रति मन बोले गए। ऊपरी राजस्थान में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के दाम 15 रुपये कमजोर होकर 5050 से 5775 रुपये प्रति मन बोले गए। खैरथल लाइन में कॉटन के दाम 25 रुपये नरम होकर 55,500 से 56,000 रुपये कैंडी, एक कैंडी-356 किलो बोले गए।
देशभर की मंडियों में कपास की आवक 1,27,600 गांठ, एक गांठ-170 किलो की हुई।
घरेलू वायदा बाजार एमसीएक्स के साथ ही एनसीडीएक्स पर आज शाम को कॉटन की कीमतों में शाम को गिरावट का रुख रहा। आईसीई के इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग में कॉटन के दाम शाम के सत्र में कॉटन की कीमतों में तीन अंकों की गिरावट दर्ज की गई।
विश्व बाजार में कॉटन के दाम कमजोर होने के कारण घरेलू बाजार में स्पिनिंग मिलों की खरीद कमजोर हो गई, जिस कारण उत्तर भारत के साथ ही गुजरात में कॉटन मंदी हो गई। व्यापारियों के अनुसार विदेशी बाजार में महीने भर में कॉटन के दाम करीब 14 से 15 सेंट तेज हुए थे, अत: निवेशकों की मुनाफावसूली से इसकी कीमतों में आज तीन अंकों की बड़ी गिरावट आई है। यही कारण है कि घरेलू बाजार मिलों की खरीद कमजोर हो गई। हालांकि स्पिनिंग मिलों के पास कॉटन का बकाया स्टॉक कम है, तथा उत्पादक मंडियों में आगामी दिनों में कपास की दैनिक आवकों में कमी आयेगी। इसलिए हाजिर बाजार में कॉटन की कीमतों में बड़ी गिरावट के आसार कम है।
जानकारों के अनुसार कॉटन के साथ ही यार्न के निर्यात में पड़ते भी अच्छे लग रहे हैं, जबकि आगामी दिनों में उत्पादक मंडियों में कपास की दैनिक आवक घटकर करीब एक लाख गांठ की रह जायेगी। मिलों को औसत एक से सवा लाख गांठ से ज्यादा कॉटन की खरीद करनी होगी, जबकि स्टॉकिस्ट एवं सीसीआई दाम घटाकर बिकवाली नहीं करेंगे। किसानों के पास कपास का बकाया स्टॉक अब केवल 30 से 35 फीसदी ही बचा हुआ है।
कॉटन कारपोरेशन ऑफ इंडिया, सीसीआई के अनुसार पहली अक्टूबर 2023 से शुरू हुए चालू फसल सीजन 2023-24 में 31 जनवरी तक देशभर की मंडियों में 172.10 लाख गांठ, एक गांठ 170 किलो कपास की आवक हो चुकी है।
पहली अक्टूबर 2023 से शुरू हुए चालू फसल सीजन 2023-24 में दिसंबर अंत तक कॉटन कारपोरेशन आफ इंडिया, सीसीआई 19.28 लाख गांठ, एक गांठ 170 किलो कॉटन की खरीद कर चुकी है। अभी तक कुल खरीद में 80 फीसदी दक्षिण भारत के राज्यों से हुई है।
कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया, सीएआई ने फसल सीजन 2023-24 के दौरान अपने कपास उत्पादन अनुमान को 294.10 लाख के पूर्व स्तर पर बरकरार रखा है। मालूम हो कि फसल सीजन 2022-23 के दौरान देशभर में 318.90 लाख गांठ कॉटन का उत्पादन हुआ था।
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