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02 फ़रवरी 2024

सरकार की सख्ती, चावल एवं धान के स्टॉक की जानकारी देना किया अनिवार्य

नई दिल्ली। चावल के निर्यात पर कई तरह के प्रतिबंध लगाने के बाद अब सरकार ने इसके स्टॉक की जानकारी देना अनिवार्य कर दिया है।


केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं और प्रोसेसर तथा मिलर्स द्वारा चावल एवं धान के स्टॉक की जानकारी देनी होगा। 

व्यापारियों एवं थोक विक्रेताओं के साथ ही खुदरा विक्रेताओं, बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं, प्रोसेसरों और मिलर्स को ब्रोकन चावल, गैर-बासमती सफेद चावल, सेला चावल बासमती के अलावा धान के स्टॉक की स्थिति हर शुक्रवार को खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के पोर्टल (https://evegoils.nic.in/rice/login.html) पर अपडेट करना होगा। आदेश जारी होने के 7 दिनों के भीतर इन संस्थाओं द्वारा स्टॉक की स्थिति घोषित की जाएगी।

इसके साथ ही आम उपभोक्ताओं के लिए सरकार ने 'भारत चावल' ब्रांड की खुदरा बिक्री शुरू करने का निर्णय लिया है। पहले चरण में तीन सार्वजनिक एजेंसियों नेफेड, एनसीसीएफ और केंद्रीय भंडार के माध्यम से 'भारत चावल' ब्रांड के तहत खुदरा बिक्री के लिए पांच लाख टन चावल का आवंटन किया गया है। आम उपभोक्ताओं के लिए भारत चावल की बिक्री का खुदरा मूल्य 29 रुपये प्रति किलो रखा गया है, तथा उपभोक्ताओं को 5 किलो एवं 10 किलो की पैकिंग में इसे बेचा जायेगा।

केंद्र सरकार के अनुसार खरीफ में अच्छी फसल के साथ ही एफसीआई के पास पर्याप्त स्टॉक और चावल के निर्यात पर विभिन्न प्रतिबंधों के बावजूद चावल की घरेलू कीमतें बढ़ रही हैं। पिछले वर्ष की तुलना में खुदरा कीमतों में 14.51 फीसदी की वृद्धि हुई है। चावल की कीमतों पर अंकुश लगाने के प्रयास में सरकार की ओर से पहले ही कई कदम उठाए जा चुके हैं।

एफसीआई के पास अच्छी गुणवत्ता वाले चावल का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है जिसे व्यापारियों एवं थोक विक्रेताओं को ओएमएसएस के तहत 29 रुपये प्रति किलो के आरक्षित मूल्य पर बेचा जा रहा है तथा खुले बाजार में चावल की बिक्री बढ़ाने के लिए, केंद्र सरकार ने चावल के आरक्षित मूल्य को हाल ही में 31 रुपये से घटाकर 29 रुपये प्रति किलो किया है। 

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