कुल पेज दृश्य

03 फ़रवरी 2024

तेल मिलों की मांग सीमित होने से सरसों की कीमतें स्थिर, दैनिक आवकों में बढ़ोतरी

नई दिल्ली। तेल मिलों की सीमित मांग होने से घरेलू बाजार में शुक्रवार को सरसों की कीमतें स्थिर हो गई। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 5,550 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर स्थिर हो गए। इस दौरान सरसों की दैनिक आवक बढ़कर 2.95 लाख बोरियों की हुई।


विश्व बाजार में आज खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। मलेशियाई पाम तेल के दाम जहां एक फीसदी के करीब कमजोर हुए, वहीं डालियान में भी खाद्य तेलों की कीमतों में मंदा आया। शिकागो में आज भी सोया तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई आई। घरेलू बाजार में बढ़े दाम पर ग्राहकी कमजोर होने से सरसों तेल की कीमतें में गिरावट आई, साथ ही इस दौरान सरसों खल के दाम भी कमजोर हुए।

उत्पादक मंडियों में शुक्रवार को सरसों की दैनिक आवकों में बढ़ोतरी दर्ज की गई। व्यापारियों के अनुसार  सरसों की नई फसल की आवक उत्पादक मंडियों में शुरू हो गई है, तथा चालू महीने के मध्य तक आवकों में बढ़ोतरी होगी। इसलिए तेल मिलें केवल जरुरत के हिसाब से ही खरीद कर रही हैं। हालांकि खपत का सीजन होने के कारण सरसों तेल में मांग अभी बनी रहेगी, लेकिन इसकी कीमतों में तेजी, मंदी काफी हद तक आयातित खाद्य तेलों के दाम पर ही निर्भर करेगी।

भारत सरकार द्वारा खाद्य तेलों के आयात में कटौती करने की मांग के बाद पाम की कीमतें शुक्रवार को चौथे सत्र में गिरावट के साथ बंद हुईं, जोकि पिछले नौ महीनों में उनका सबसे खराब सप्ताह रहा। इसके भाव में गिरावट का प्रमुख कारण अन्य खाद्य तेलों में मंदे के साथ ही मजबूत रिंगिट का भी योगदान रहा।

बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (बीएमडी) पर अप्रैल डिलीवरी के पाम तेल वायदा अनुबंध में 36 रिंगिट यानी की 0.95 फीसदी की गिरावट आकर भाव 3,762 रिंगिट प्रति टन पर बंद हुए, जोकि 11 जनवरी के बाद से सबसे निचला स्तर है।

इस दौरान डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध 0.94 फीसदी कमजोर हो गया, जबकि इसका पाम तेल वायदा अनुबंध 0.68 फीसदी तक गिर गया। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड पर सोया तेल की कीमतें 0.13 फीसदी कमजोर हो गई।

पाम तेल के सबसे सक्रिय वायदा अनुबंध में साप्ताहिक आधार पर 6.35 फीसदी की गिरावट आई है, जोकि 2 मई, 2023 के बाद से इसकी सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट है। जानकारों के अनुसार खाद्य तेल बाजार में मांग कमजोर बनी हुई है।

भारतीय वित्त मंत्री ने बुधवार को कहा कि खाद्य तेलों के महंगे आयात में कटौती करने की योजना के तहत भारत स्थानीय तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने के प्रयास बढ़ाएगा।

डॉलर के मुकाबले मलेशियाई रिंगिट 0.25 फीसदी मजबूत हुआ, तथा मजबूत रिगिंट से विदेशी आयातकों के लिए पाम तेल महंगा हो जाता है।

जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी और एक्सपेलर की कीमतों में शुक्रवार को गिरावट दर्ज की गई। कच्ची घानी सरसों तेल के भाव 11 रुपये कमजोर होकर दाम 1,012 रुपये प्रति 10 किलो रह गए, जबकि सरसों एक्सपेलर तेल के दाम भी 10 रुपये घटकर दाम 1,002 रुपये प्रति 10 किलो बोले गए। जयपुर में शुक्रवार को सरसों खल की कीमतें 15 रुपये कमजोर होकर दाम 2,760 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर आ गए।

देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक बढ़कर 2.95 लाख बोरियों की हुई, जबकि पिछले कारोबारी दिवस में भी आवक 2.65 लाख बोरियों की ही हुई थी। कुल आवकों में से प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में 1.05 लाख बोरी, जबकि मध्य प्रदेश की मंडियों में 35 हजार बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 35 हजार बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 15 हजार बोरी तथा गुजरात में 15 हजार बोरी, एवं अन्य राज्यों की मंडियों में 50 हजार बोरियों की आवक हुई। उत्पादक राज्यों में करीब 40 हजार बोरी नई सरसों की आवक हुई। 

कोई टिप्पणी नहीं: