नई दिल्ली। महीने भर से लाल सागर में विद्रोहियों की दहशत से बासमती चावल का निर्यात प्रभावित हुआ है। निर्यात सौदे काफी मात्रा में हुए हैं, तथा जो सौदें हो चुके हैं उनका माल शिपमेंट नहीं होने वजह से बंदरगाह पर पेंडिंग में पड़ा है,। शिपमेंट नहीं मिलने से सभी भारतीय बंदरगाहों पर बासमती चावल का जमावड़ा बढ़ गया है।
यही कारण है कि बंदरगाहों पर वर्थ मिलने से चालू सप्ताह में बासमती चावल की कीमतों में करीब 200 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आ चुकी है। पूसा 1121 सेला बासमती चावल के भाव घटकर 8500/8600 रुपए तथा 1509 सेला के दाम घटकर 7000/7050 रुपये एवं 1718 सेला के भाव कमजोर होकर 7600/7700 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं। मोटे चावल की कीमतों में भी खामोशी है, हालांकि हरियाणा में धान के भाव तेज होने की खबरें आ रही है तथा धान की आवक कम हो रही है इसलिए इसके भाव में ज्यादा मंदे के आसार नहीं है।
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