गेहूं का उत्पादन कम होने से उत्पादक मंडियों में इस बार माल अधिक नहीं है तथा जो माल स्टॉक में है, वह बड़ी कंपनियों के हाथ में है, जिससे मंदे भाव में बिकना मुश्किल लग रहा है। केंद्रीय पूल में सरकार द्वारा गत वर्ष की तुलना में ज्यादा खरीद जरूर किया गया है, लेकिन लक्ष्य से कम ही खरीद हो पाई है तथा विभिन्न योजनाओं में वह माल खपना है। यही कारण है कि खुले बाजार में बिक्री करने के बावजूद भी अपेक्षित मंदा नहीं आ पा रहा है।
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