देसी चने का उत्पादक व वितरक मंडियों में स्टॉक एवं आपूर्ति दोनों ही घट गई है। दूसरी ओर सरकार की दहशत से जो मिल वाले एवं स्टॉकिस्ट देसी चने का स्टॉक किए थे, वह पहले ही काट चुके हैं, क्योंकि सरकार द्वारा मंदे भाव में देसी चना बेचने की घोषणा की गई थी, लेकिन सरकारी गोदाम में भी ज्यादा माल नहीं होने से पिछले दिनों लगातार नेफेड के होने वाले टेंडर ऊंचे गए, जिसके चलते लॉरेंस रोड पर भी खड़ी मोटर में राजस्थानी चना 6000 रुपए प्रति कुंतल पर हो गया है क्योंकि खपत के अनुरूप मिलों में माल नहीं है।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें