नई दिल्ली। बढ़ती कीमतों को काबू में करने के लिए केंद्र खुले बाजार बिक्री योजना, ओएमएसएस के माध्यम से 75 लाख टन अतिरिक्त गेहूं और चावल बाजार में बेचेगी। केंद्र सरकार ने चावल के आरक्षित मूल्य 3100 रुपये प्रति क्विंटल को घटाकर 2900 रुपये प्रति क्विंटल किया है जबकि गेहूं का आरक्षित मूल्य फिलहाल स्थिर रखा गया है।
केंद्रीय खाद्य सचिव ने कहां कि बढ़ती कीमतों को काबू करने और बाजार को स्थिर करने के लिए सरकार ने ओएमएसएस के तहत अतिरिक्त 50 लाख टन गेहूं और 25 लाख टन चावल खुले बाजार में बेचने का फैसला किया है।
केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने संवाददाताओं से कहा कि हाल में गेहूं और चावल की कीमतों में तेजी आई है, इसलिए सरकार ने 50 लाख टन गेहूं और 25 लाख टन चावल खुले बाजार बिक्री योजना, (ओएमएसएस) के तहत बेचने का निर्णय किया है।
उन्होंने कहा कि इससे पहले खुले बाजार बिक्री योजना के तहत 15 लाख टन गेहूं और पांच लाख टन चावल बेचने का निर्णय लिया था। उन्होंने बताया कि अब तक सात लाख टन गेहूं ओएमएसएस के तहत ई-नीलामी के जरिये बेचा गया है। जबकि इस दौरान चावल की बिक्री बहुत कम हुई है।
जून 2023 के अंतिम सप्ताह में सरकार ने खुले बाजार बिक्री योजना के तहत केंद्रीय पूल से गेहूं की साप्ताहिक ई-नीलामी के माध्यम से बिक्री आरंभ की थी। हालांकि केंद्र सरकार द्वारा ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री शुरू करने के बाद भी इसकी कीमतें लगातार तेज बनी हुई हैं। बुधवार को दिल्ली में गेहूं के भाव 2,545 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
केंद्र सरकार ने ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री का मूल्य एफएक्यू श्रेणी का 2150 रुपये प्रति क्विंटल तथा यूआरएस श्रेणी का 2125 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया हुआ है।
केंद्रीय पूल में पहली अगस्त को गेहूं का स्टॉक 280.39 लाख टन और चावल के 242.96 लाख टन को मिलाकर कुल 523.35 लाख टन है। पिछले साल पहली अगस्त को केंद्रीय पूल में गेहूं का 266.45 लाख टन का और चावल का 279.52 लाख को मिलाकर कुल 545.97 लाख टन का बकाया स्टॉक था।
रबी विपणन सीजन 2023-24 के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 262.02 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी, जोकि रबी विपणन सीजन के 187.92 लाख टन से 39.43 फीसदी ज्यादा है।
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