नई
दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बनी रहने के कारण शुक्रवार को लगातार
दूसरे दिन उड़द के साथ ही अरहर की कीमतों में तेजी दर्ज की गई। हालांकि चना
के भाव में हल्की नरमी आई, जबकि अन्य दालों के दाम लगभग स्थिर बने रहे।
बर्मा
में स्थानीय व्यापारियों की मांग से लेमन अरहर के भाव में 25 डॉलर की तेजी
आकर दाम 900 डॉलर प्रति टन, सीएंडएफ हो गए। हालांकि इन भाव में भारतीय
आयातकों ने कोई व्यापार नहीं किया। सूत्रों के अनुसार पहली अगस्त को एक
वैसल चेन्नई के लिए अरहर और उड़द का लोड होने की उम्मीद है।बर्मा में
निर्यातकों को निर्यात लाइसेंस प्राप्त करने में परेशानी आ रही है, तथा
इसमें लंबा समय लग रहा है। ऐसे में वहां से लोडिंग में समय लग रहा है।
व्यापारियों
के अनुसार अरहर एवं उड़द का हाजिर बाजार में अच्छी क्वालिटी का बकाया स्टॉक
कम है, जबकि आयात पड़ते महंगे हैं। इसलिए इनके भाव में अभी ज्यादा मंदा तो
नहीं है, लेकिन स्टॉकिस्ट मुनाफावसूली से हल्की गिरावट कर सकते हैं। अन्य
दालों में चना में आगे हल्की सुधार बन सकता है लेकिन आयात पड़ते सस्ते होने
के कारण मसूर की कीमतों में अभी सीमित तेजी, मंदी बनी रहेगी।
चालू
खरीफ में जहां अरहर की बुआई में कमी आई है, वहीं उड़द एवं मूंग की बुआई जरुर
बढ़ी है लेकिन देश के कई राज्यों में जहां मानसूनी सीजन के पहले दो महीनों
में सामान्य से कम बारिश होने के कारण सूखे जैसे हालात बने हुए हैं, वहीं
कई राज्यों में जुलाई में हुई भारी बारिश से खरीफ दलहन की फसलों को नुकसान
की भी आशंका है।
डॉलर की तुलना में रुपये में हल्का सुधार तो आया
है, लेकिन अभी भी डालर की तुलना में रुपया 79.24 के स्तर पर है जिस कारण
आयात पड़ते महंगे हैं। सूत्रों के अनुसार तंजानिया में अरहर का उत्पादन घटकर
1.90 लाख टन ही होने का अनुमान है, जबकि पिछले साल 2.05 लाख टन का उत्पादन
हुआ था।
चालू खरीफ सीजन में दलहनी फसलों की कुल बुआई बढ़कर 106.18
लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 103.23 लाख
हेक्टेयर से ज्यादा है।
हालांकि खरीफ दलहन की प्रमुख फसल अरहर की
बुआई चालू खरीफ में घटकर 36.11 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है, जबकि पिछले
खरीफ सीजन की समान अवधि में इसकी बुआई 41.75 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी।
उड़द
की बुआई चालू खरीफ में बढ़कर 28.01 लाख हेक्टेयर में और मूंग की 29.26 लाख
हेक्टेयर में हुई है। पिछले खरीफ सीजन की समान अवधि में इनकी बुआई क्रमशः
27.94 लाख हेक्टेयर में और 25.29 लाख हेक्टेयर में हुई थी।
दिल्ली में बर्मा की लेमन अरहर के भाव में 150 रुपये की तेजी आकर दाम 7,400 से 7,450 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
महाराष्ट्र
की देसी अरहर में स्टॉकिस्टों की बिकवाली कमजोर होने से कोई व्यापार नहीं
हुआ। महाराष्ट्र में बारिश से बाढ़ से फसल को नुकसान की आशंका से बढ़िया अरहर
में बिकवाली कमजोर रही।
चेन्नई में लेमन अरहर के भाव 150 रुपये तेज होकर भाव 7,150 से 7,200 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
मुंबई में बर्मा की लेमन अरहर में मिलों की मांग से भाव 100 रुपये तेज होकर दाम 7,200 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
अन्य
अफ्रीकी देशों से आयातित अरहर की कीमतें स्थिर बनी रही। तंजानिया की अरुषा
और मटवारा की अरहर के भाव क्रमशः 5,850 से 5,900 रुपये और 5,700 से 5,750
रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। इस दौरान मोजाम्बिक लाइन की गजरी अरहर
की कीमतें 5,750 से 5,800 रुपये और मलावी अरहर के दाम 5,250 से 5,350
रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
दिल्ली में बर्मा उड़द
एफएक्यू और एसक्यू के भाव के भाव में 25 से 50 रुपये की तेजी आकर भाव
क्रमशः 7,775 से 7,800 रुपये तथा 8,850 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
आंध्रप्रदेश लाईन की नई उड़द का दिल्ली के लिए व्यापार 100 रुपये बढ़कर 8,400 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर हुआ।
मुंबई में उड़द एफएक्यू के भाव में 50 रुपये की तेजी आकर भाव 7,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
चेन्नई
में उड़द एफएक्यू के भाव 25 रुपये तेज होकर भाव 7,575 रुपये प्रति क्विंटल
हो गए, जबकि एसक्यू के भाव 75 रुपये बढ़कर 8,675 रुपये प्रति क्विंटल बोले
गए।
दिल्ली में मध्य प्रदेश और कनाडा की मसूर की कीमतें क्रमशः 7,050 रुपये और 6,850 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही।
मुंबई
में कनाडा की मसूर के दाम कंटेनर में 6,950 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व
स्तर पर स्थिर बने रहे, जबकि ऑस्ट्रेलियाई मसूर के दाम कंटेनर में 7,100
रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।
दिल्ली में चना के भाव में 25 रुपये
की गिरावट आकर राजस्थानी चना की कीमतें 4,925 रुपये और मध्य प्रदेश के चना
भाव 4,850 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
तंजानिया के चना के भाव मुंबई में 50 रुपये कमजोर होकर भाव 4,600 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
30 जुलाई 2022
मिलों की मांग बनी रहने से अरहर के साथ ही उड़द के दाम तेज
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