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01 जुलाई 2022

स्टॉकिस्टों की कमजोर बिकवाली से अरहर एवं उड़द तेज, अन्य दालों के भाव लगभग स्थिर

 नई दिल्ली। आयात पड़ते महंगे होने के साथ ही स्टॉकिस्टों की बिकवाली कम आने से गुरूवार को अरहर के साथ ही उड़द की कीमतें में सुधार आया, जबकि अन्य दालों के दाम लगभग स्थिर बने रहे। व्यापारियों के अनुसार देश के कई राज्यों में बारिश सामान्य की तुलना में कम होने खरीफ दलहन की बुआई प्रभावित हो रही है, जबकि आयात महंगा है। इसलिए अरहर और उड़द के साथ मसूर की कीमतों में आगे और भी सुधार बनने के आसार है। बेसन में मांग बढ़ने से चना में भी हल्की तेजी बन सकती है।

भारतीय मौसम विभाग, आईएमडी के अनुसार जून में देशभर के 36 सबडिवीजनों में 20 में बारिश सामान्य की तुलना में कम हुई है। यानी की देश के आधे से ज्यादा भाग में जून में बारिश सामान्य की तुलना में कम हुई है जिसका असर खरीफ दलहन की बुआई पर पड़ेगा। जिन राज्यों में बारिश कम हुई, उनमें महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक के साथ ही छत्तीसगढ़ और ओडिशा प्रमुख दलहन उत्पादक राज्य हैं।

बर्मा में आज उड़द एसक्यू और एफएक्यू के भाव क्रमश: 1,070 डॉलर और 970 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ पर स्थिर बने रहे। सूत्रों के अनुसार जून महीने में उड़द एफएक्यू और एसक्यू की कीमतों में क्रमश: 125 डॉलर और 130 डॉलर प्रति टन की तेजी आ चुकी है। पहली जून को बर्मा में एसक्यू और एफएक्यू के भाव क्रमश: 940 डॉलर और 845 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ  थे। घरेलू बाजार में हालांकि इसके अनुपात में कीमतें तेज नहीं हो पाई, क्योंकि दालों में खुदरा के साथ ही थोक में ग्राहकी कमजोर थी। बर्मा में लेमन अरहर के दाम आज 870 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ पर स्थिर बने रहे।

केंद्रीय पूल में अरहर और उड़द का बकाया स्टॉक कम है, जबकि डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी से आयात पड़ते भी महंगे हैं, इसलिए इनकी कीमतों में आगे और भी सुधार आयेगा। डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होकर 78.96 के स्तर पर बंद हुआ है। जानकारों के अनुसार मध्य जुलाई तक दलहन के प्रमुख उत्पादक राज्यों में बारिश औसत से कम रही है, तो फिर दालों के बुआई क्षेत्र में भी कमी आयेगी। जिससे इनकी कीमतों में तेजी को और बल मिलेगा।

कनाडा से करीब 55 हजार टन मसूर लेकर दो वैसल आ रहे हैं, जिनमें से एक वैसल मुंद्रा बंदरगाह पर पहुंच गया है, तथा दूसरा वैसल अगले छह से सात दिनों में मुंद्रा बंदरगाह पर पहुंच जायेगा। हालांकि आयातित मसूर के पड़ते महंगे हैं, इसलिए आयातक मसूर के भाव तेज करना चाहते हैं।  

देशभर में मानसूनी बारिश शुरू होने के बाद बेसन में मांग बढ़ने की उम्मीद है, जिससे चना की कीमतों में आगे सुधार तो आयेगा, लेकिन बड़ी तेजी के आसार नहीं है। वैसे भी नेफेड कई राज्यों में केंद्रीय पूल से पुराने चना की बिकवाली कर रही है।
 
दिल्ली में बर्मा की लेमन अरहर 2022 की फसल के भाव 50 रुपये तेज होकर 6,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

दिल्ली डिलीवरी के लिए महाराष्ट्र की नांदेड़ लाईन की अरहर के भाव भी 150 रुपये बढ़कर 6,750 से 6,950 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

इस दौरान चेन्नई में बर्मा की लेमन अरहर की कीमतें 100 रुपये बढ़कर 6,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गई।

मुंबई में बर्मा की लेमन अरहर में मिलों की मांग से भाव 50 रुपये तेज होकर दाम 6,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

अफ्रीकी देशों से आयातित अरहर की कीमतें स्थिर बनी रही। तंजानिया की अरुषा अरहर के दाम 5,550-5,650 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। इस दौरान मटवारा अरहर के दाम 5,450 से 5,500 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। मोजाम्बिक लाइन की गजरी अरहर की कीमतें 5,400 से 5,450 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर स्थिर हो गई। मलावी अरहर के दाम 5,000 से 5,100 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

दिल्ली में बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू के भाव के भाव क्रमश: 7,600 से 7,625 रुपये और 8,425 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

आंध्रप्रदेश लाईन की नई उड़द का दिल्ली के लिए व्यापार 8,200 रुपये प्रति क्विंटल की पूर्व दर पर हुआ।

मुंबई में बर्मा उड़द एफएक्यू की कीमतों में 50 रुपये की तेजी आकर दाम 7,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

चेन्नई में उड़द एफएक्यू के भाव 7,500 रुपये एवं एसक्यू के 8,300 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

दिल्ली में कनाडा एवं मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतें क्रमश: 7,100 रुपये और 7,250 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही।

उत्तर प्रदेश की कानपुर मंडी में देसी मसूर के दाम 25 रुपये तेज होकर 7,150 से 7,175 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

कनाडा की मसूर के भाव मुंबई और मुंद्रा बंदरगाह के साथ ही ऑस्ट्रेलियाई मसूर की कीमतें स्थिर बने रही। ऑस्ट्रेलियाई मसूर के भाव कंटेनर में जहां 7,350 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे, वहीं कनाडा की मसूर के भाव इस दौरान 7,250 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर टिके रहे।

दिल्ली में राजस्थानी चना के दाम 25 रुपये तेज होकर 4,825 से 4,850 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, जबकि मध्य प्रदेश के चना के भाव 4,750 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

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