नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2022-23 के पहले तीन महीनों अप्रैल से जून
के दौरान डीओसी के निर्यात में 39 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात
1,021,265 टन का हुआ है, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका
निर्यात केवल 735,892 टन का ही हुआ था।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स
एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार जून में डीओसी के निर्यात में 119
फीसदी की भारी बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात 431,840 टन का हुआ है, जबकि पिछले
साल जून में इसका निर्यात 203,868 टन का ही हुआ था।
एसईए के अनुसार
चालू वित्त वर्ष 2022-23 के पहले तीन महीनों में सरसों डीओसी का निर्यात
84 फीसदी बढ़कर 706,904 टन हो गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में
इसका निर्यात केवल 384,807 टन का ही हुआ था। चालू रबी में सरसों के
उत्पादन में हुई बढ़ोतरी के साथ ही इसकी क्रॉसिंग ज्यादा होने से डीओसी की
उपलब्धता ज्यादा रही, जिसका असर चालू वित्त वर्ष के पहले तीन महीनों में
निर्यात पर देखा गया। वर्तमान में भारत दक्षिण कोरिया, वियतनाम, थाईलैंड और
सुदूर पूर्व के देशों को सरसों डीओसी का सबसे ज्यादा निर्यात कर रहा है।
हालांकि
विश्व बाजार में कीमतें कम होने के कारण चालू वित्त वर्ष के पहले तीन
महीनों में सोया डीओसी के निर्यात में कमी आई है। सोया डीओसी का भाव कांडला
बंदरगाह पर औसतन 675 डॉलर प्रति टन, एफओबी है, जबकि अर्जेंटीना के सोया
डीओसी का भाव 539 डॉलर सीआईएफ रॉटरडैम और ब्राजील के सोया डीओसी का भाव 522
डॉलर प्रति टन है।
भारतीय बंदरगाह पर जून मेें सोया डीओसी का भाव
694 डॉलर प्रति टन रहा, जोकि मई के भाव 720 डॉलर प्रति टन से कम है। इस
दौरान सरसों डीओसी का भाव भारतीय बंदरगाह पर जून में घटकर 294 डॉलर प्रति
टन रह गया, जबकि मई में इसका भाव 306 डॉलर प्रति टन था। हालांकि इस दौरान
केस्टर डीओसी का भाव मई के 143 डॉलर प्रति टन से बढ़कर जून में 152 डॉलर
प्रति टन हो गया।
26 जुलाई 2022
चालू वित्त वर्ष के पहले तीन महीनों में डीओसी का निर्यात 39 फीसदी बढ़ा - एसईए
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें