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26 जुलाई 2022

गुजरात में कपास की बुआई बढ़ी, दलहन के साथ ही तिलहन की पिछ़ड़ी

नई दिल्ली। असमान्य बारिश का असर गुजरात में खरीफ फसलों की बुआई पर पड़ा है, राज्य में जहां जून में सामान्य की तुलना में 49 फीसदी बारिश कम हुई थी, जबकि पहली जुलाई से 25 जुलाई तक जहां गुजरात रीजन में सामान्य से 52 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है, वहीं सौराष्ट्र और कच्छ में इस दौरान सामान्य से 76 फीसदी ज्यादा बारशि दर्ज की गई।

राज्य के कृषि निदेशालय के अनुसार 25 जुलाई तक राज्य में कपास की बुआई बढ़कर 24.49 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 21.77 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है। हालांकि राज्य में कपास की बुआई का लक्ष्य 24 लाख हेक्टेयर ही था, अतः कुल बुआई तय लक्ष्य से ज्यादा क्षेत्रफल में हुई है।

हालांकि इस दौरान दलहन और तिलहनी फसलों की बुआई में कमी दर्ज की गई। तिलहनी फसलों की कुल बुआई चालू खरीफ में राज्य में अभी तक केवल 19.47 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल इस समय तक 21.90 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी।  मूंगफली की बुआई चालू खरीफ में घटकर अभी तक केवल 16.26 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल इस समय तक 18.68 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी थी। मूंगफली की बुआई का लक्ष्य 18.42 लाख हेक्टेयर तय किया गया है। शीशम सीड, केस्टर एवं सोयाबीन की बुआई चालू खरीफ में क्रमशः 36,641 हेक्टेयर में, 76,970 हेक्टेयर में और 2.05 लाख हेक्टेयर में ही हुई है। पिछले साल की समान अवधि में इनकी बुआई क्रमशः 63,650 हेक्टेयर में, 39,637 हेक्टेयर में और 2.17 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी।

दालों की बुआई चालू खरीफ सीजन में 25 जुलाई तक केवल 2.85 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है, जबकि पिछले साल इस समय तक 3.80 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी थी। खरीफ दलहन की प्रमुख फसल अरहर की बुआई चालू खरीफ में घटकर 1.72 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले खरीफ सीजन की समान अवधि में इसकी बुआई 1.95 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी। उड़द की बुआई केवल 60,588 हेक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल इस समय तक 1.23 लाख हेक्टयेर में बुआई हो चुकी थी।

हालांकि धान, ज्वार, मक्का और बाजरा की बुआई चालू खरीफ में बढ़कर 9.24 लाख हेक्टेयर हो चुकी है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इनकी बुआई 8.42 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी। धान की रोपाई 4.72 लाख हेक्टेयर में बाजरा की बुआई 1.62 लाख हेक्टेयर में तथा मक्का की बुआई 2.75 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल इस समय तक इनकी बुआई क्रमशः 4.21 लाख हेक्टेयर, 1.29 लाख हेक्टयेर और 2.76 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी।

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