नई
दिल्ली। बर्मा में कीमतें बढ़ने के साथ ही देश के कई राज्यों में पिछले 48
घंटों के दौरान हुई भारी बारिश से खरीफ दलहन को नुकसान होने की आशंका से
घरेलू बाजार में बुधवार को अरहर एवं उड़द की कीमतें तेज हुई। इस दौरान चना
एवं मसूर के भाव नरम हुए, जबकि मूंग की कीमतें लगभग स्थिर बनी रही।
भारतीय
आयातकों की मांग से बर्मा में अरहर और उड़द की कीमतों में तेजी दर्ज की
गई। बर्मा में लेमन अरहर के भाव 20 डॉलर तेज होकर दाम 865 डॉलर प्रति टन,
सीएडंएफ हो गए। जानकारों के अनुसार भारतीय आयातकों ने आज लेमन अरहर के 50
कंटेनरों का व्यापार 760 डॉलर प्रति टन, एफओबी आधार पर किया।
इसी
तरह से बर्मा में उड़द एफएक्यू और एसक्यू की कीमतों में 25-25 डॉलर की तेजी
आकर भाव क्रमश: 920 डॉलर और 1,020 डॉलर प्रति टन हो गए। हालांकि, भारत के
खरीदारों द्वारा उड़द का कोई व्यापार नहीं किया गया। बर्मा से भारत में
चेन्नई के लिए लगभग 5,000 टन उड़द और अरहर लेकर आने वाला एक वैसल रवाना हुआ
है, इसके अलावा चालू महीने में दो वैसल और अरहर और उड़द के लोड होने की
खबर है।
जानकारों के अनुसार आयातित अरहर और उड़द का बकाया स्टॉक कम
है, साथ ही डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी से अरहर और उड़द के आयात पड़ते
महंगे हैं। डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होकर 79.66 के स्तर पर आ गया। अत:
आयात महंगा होने से अरहर और उड़द की कीमतों में आगे और तेजी आने के आसार
हैं।
दलहन उत्पादक क्षेत्रों में भारी बारिश और आगे भी भारी बारिश
की चेतावनी ने दलहन किसानों की चिंता बढ़ा दी है। गुजरात, महाराष्ट्र,
तेलंगाना और कर्नाटक में पिछले 48 घंटों के दौरान भारी बारिश हुई है, जिससे
अरहर और उड़द की फसल को नुकसान होने की आशंका है वहीं क्वालिटी को भी
नुकसान होगा।
भारतीय मौसम विभाग, आईएमडी के अनुसार पिछले 24 घंटों
के दौरान गुजरात रीजन में सामान्य की तुलना में क्रमश: 253 फीसदी और 864
फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। इसी तरह से मध्य महाराष्ट्र में इस दौरान 175
फीसदी और विदर्भ में 523 फीसदी तथा मराठवाड़ा में 1,393 फीसदी बारिश ज्यादा
हुई है। तेलंगाना में इस दौरान सामान्य के मुकाबले 1,096 फीसदी और कर्नाटक
में 300 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है।
चना एवं मसूर की कीमतों में आज
गिरावट दर्ज की गई, लेकिन चना में व्यापारी ज्यादा मंदे में नहीं है। माना
जा रहा है कि आगे चना दाल और बेसन की खपत में सुधार आयेगा। कनाडा से
आयातित मसूर के भाव में कमजोर होने से घरेलू बाजार में मसूर की कीमतों में
नरमी दर्ज की गई।
दिल्ली में बर्मा की लेमन अरहर 2022 की फसल के भाव 25 रुपये तेज होकर दाम 6,900 से 6,925 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
दिल्ली डिलीवरी के लिए महाराष्ट्र की नांदेड़ लाईन की अरहर के भाव 6,900 से 7,100 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर स्थिर बने रहे।
इस दौरान चेन्नई में बर्मा की लेमन अरहर की कीमतें 50 रुपये तेज होकर 6,575 से 6,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
दाल मिलों की मांग सुधरने से मुंबई में बर्मा की लेमन अरहर के भाव 50 रुपये तेज होकर 6,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
इस
दौरान मुंबई में अफ्रीकी लाइन की अरहर के भाव स्थिर बने रहे। तंजानिया की
अरुषा और मटवारा अरहर के भाव क्रमश: 5,700 रुपये और 5,500 से 5,600 रुपये
प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। इस दौरान मोजाम्बिक लाइन की गजरी अरहर की
कीमतें 5,550 से 5,600 रुपये और मलावी अरहर के भाव 5,150 से 5,200 रुपये
प्रति क्विंटल बोले गए।
दिल्ली में बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू के
भाव के भाव में 100-100 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 7,500 रुपये तथा
8,300 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
आंध्रप्रदेश लाइन की नई उड़द का दिल्ली के लिए व्यापार 100 रुपये तेज होकर 7,900 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर हुआ।
मुंबई में बर्मा उड़द एफएक्यू की कीमतों में 100 रुपये की तेजी आकर भाव 7,300 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
चेन्नई
में उड़द एसक्यू के हाजिर डिलीवरी के भाव 75 रुपये तेज होकर 8,150 रुपये
प्रति क्विंटल हो गए, जबकि अगस्त डिलीवरी के भाव भी 75 रुपये बढ़कर 8,250
रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।
कोलकाता में उड़द एफएक्यू के भाव 7,300 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
कनाडा से आयातित मसूर के भाव बंदरगाह पर 6,800 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
दिल्ली
में मध्य प्रदेश की मसूर की कीमतों में 25 रुपये की गिरावट आकर भाव 7,200
रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि कनाडा की मसूर के दाम इस दौरान 7,000
रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
ऑस्ट्रेलियाई मसूर के भाव
कंटेनर में 7,350 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे, वहीं कनाडा की
मसूर के भाव इस दौरान 7,250 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर टिके
रहे।
दिल्ली में चना की कीमतों में 25 रुपये की गिरावट आकर,
राजस्थानी के भाव 4,950 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के भाव 4,875 रुपये
प्रति क्विंटल रह गए।
14 जुलाई 2022
बर्मा में दाम बढ़ने के साथ ही कई राज्यों में भारी बारिश से अरहर एवं उड़द में तेजी
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