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19 जुलाई 2022

चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में बासमती एवं गैर बासमती चावल का निर्यात घटा

नई दिल्ली। घरेलू बाजार में कीमतें तेज होने के कारण चालू वित्त वर्ष 2022-23 के पहले दो महीनों अप्रैल और मई में बासमती के साथ ही गैर बासमती चावल के निर्यात में क्रमश: 6.03 और 7.68 फीसदी की कमी आई है।

चालू सीजन में उत्पादन अनुमान में आई कमी के कारण घरेलू बाजार में बासमती चावल की कीमतें तेज बनी हुई है, साथ ही उत्पादक मंडियों में साठी धान की आवक होने लगी है, जबकि प्रमुख फसल सितंबर, अक्टूबर में आयेगी। इसलिए बासमती चावल के दाम अभी तेज ही बने रहने की उम्मीद है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2022-23 के पहले दो महीनों अप्रैल तथा मई में बासमती चावल का निर्यात 6.03 फीसदी घटकर केवल 6.85 लाख टन का ही हुआ है, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 7.29 लाख टन का हुआ था। इसी तरह से चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीने अप्रैल एवं मई में गैर बासमती चावल का निर्यात 7.68 फीसदी घटकर केवल 26.79 लाख टन का ही हुआ है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसका निर्यात 29.02 लाख टन का हुआ था।

मूल्य के हिसाब से चालू वित्त वर्ष 2022-23 के पहले दो महीनों अप्रैल एवं मई में बासमती चावल का निर्यात बढ़कर 5,361 करोड़ रुपये का हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में अप्रैल एवं मई के दौरान 4,556 करोड़ रुपये मूल्य का ही निर्यात हुआ था। हालांकि चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में गैर बासमती चावल का निर्यात मूल्य के हिसाब से घटकर 7,395 करोड़ रुपये का ही हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 7,784 करोड़ रुपये का हुआ था।

दिल्ली की नरेला मंडी में पूसा 1,509 किस्म के धान के भाव सोमवार को 4,022 से 4,171 रुपये प्रति क्विंटल रहे, जबकि नए साठी धान के भाव 3,800 रुपये प्रति क्विंटल रह। उत्तर प्रदेश की मंडियों में पूसा 1,509 किस्म के साठी के भाव 3,300 से 3,900 रुपये प्रति क्विंटल क्वालिटी अनुसार हैं।

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