नई
दिल्ली। नीचे दाम पर दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने के कारण गुरूवार को
बर्मा की लेमन अरहर और उड़द के साथ ही आयातित तथा देसी मसूर एवं चना की
कीमतों में सुधार आया। व्यापारियों के अनुसार अरहर और उड़द में आयातकों की
बिकवाली कम हुई है, जबकि खपत का सीजन होने के कारण चना दाल एवं बेसन की
मांग में सुधार आया है। ऐसे में दालों की कीमतों में हल्का सुधार और भी बन
सकता है लेकिन अभी बड़ी तेजी के आसार नहीं है।
जानकारों के अनुसार
डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होने से अरहर और उड़द का आयात महंगा हो गया
है, जिस कारण आयातकों ने नीचे दाम पर बिकवाली कम कर दी, क्योंकि उन्हें
मौजूदा भाव में डिस्पैरिटी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि दालों में
उठाव सामान्य की तुलना में कमजोर है, तथा आमतौर पर जून एवं जुलाई में दालों
की खपत कम हो जाती है। इसलिए अरहर और उड़द की कीमतों में हल्का सुधार तो
और भी आ सकता है लेकिन अभी बड़ी तेजी मानकर व्यापार नहीं करना चाहिए।
चना
एवं मसूर की कीमतों में भी सुधार आया है। व्यापारियों के अनुसार चना के
दाम उत्पादक मंडियों में एमएसपी से नीचे हैं, तथा ब्याह, शादियों के सीजन
के कारण चना दाल एवं बेसन में मांग बनी रहने का अनुमान है। इसलिए चना के
भाव में हल्का सुधार और भी आ सकता है। मसूर में आयातक दाम तेज कर रहे हैं,
क्योेंकि चालू महीने में आस्ट्रेलिया एवं कनाडा से करीब 85 से 90 टन आयातित
मसूर बंदरगाहों पर पहुंचेगी।
चालू समर सीजन में दालों की बुआई
बढ़ी है, तथा समर मूंग की नई फसल की आवक जहां उत्पादक मंडियों में शुरू हो
गई है, वहीं समर उड़द की आवक भी चालू महीने के अंत तक शुरू होने की उम्मीद
है। चालू सीजन में मानसूनी बारिश अच्छी होने का अनुमान है, हालांंकि
जानकारों का मानना है कि खरीफ में अरहर के बजाए किसान कपास की खेती को
तरजीह देंगे, क्योंकि चालू सीजन में कपास किसानों को अच्छे भाव मिलें हैं।
ऐसे में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और कर्नाटक में अरहर की बुआई पिछले साल की
तुलना में कम रह सकती है।
अन्य बाजारों में दाम तेज होने से बर्मा
की लेमन अरहर 2022 की फसल की कीमतों में दिल्ली में 75 रुपये की तेजी आकर
भाव 6,625 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
चेन्नई में, बर्मा की लेमन अरहर के भाव में 50 रुपये की तेजी आकर दाम 6,250 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
महाराष्ट्र
(नांदेड़) से पुरानी और नई अरहर के भाव में 75-75 रुपये की तेजी आकर
दिल्ली डिलीवरी का व्यापार क्रमशः 6,400 रुपये और 6,500 रुपये प्रति
क्विंटल की दर पर हुआ।
बर्मा से आयातित दालों की लागत अधिक आ रही
है, तथा बर्मा से भारत में चेन्नई के लिए यांगून बंदरगाह पर दालों का कोई
वैसल लोड नहीं हो रहा है।
दाल मिलों की मांग सुधरने मुंबई में बर्मा की लेमन अरहर नई के भाव में 50 रुपये की तेजी आकर भाव 6,250 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
इसी
तरह, तंजानिया की अरुषा अरहर के भाव भी 50 रुपये तेज होकर 5,500-5,600
रुपये प्रति क्विंटल हो गए। दूसरी और मुंबई में तंजानिया की मटवारा अरहर के
दाम क्रमश: 5,350 से 5,400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। मलावी
अरहर के दाम भी 4,900 से 5,000 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। मोजाम्बिक की
गजरी अरहर की कीमतें 5,450 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही।
मिलों
की मांग सुधरने से दिल्ली में बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू नई के भाव में
25-50 रुपये की तेजी आकर दाम क्रमश: 7,075 रुपये और 7,775 रुपये प्रति
क्विंटल हो गए। इस दौरान उड़द एफएक्यू और एसक्यू पुरानी के भाव भी 25-50
रुपये तेज होकर क्रमश: 7,025 रुपये और 7,725 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
मुंबई में बर्मा उड़द एफएक्यू की कीमतें 6,700 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही।
चेन्नई
में उड़द एफएक्यू के भाव के भाव 50 रुपये तेज होकर 6,750 रुपये प्रति
क्विंटल हो गए, जबकि उड़द एसक्यू की कीमतों में 75 रुपये की तेजी आकर भाव
7,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
नीचे दाम पर दाल मिलों की मांग
सुधरने से दिल्ली में कनाडा और मध्य प्रदेश की मसूर के भाव में 75-100
रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 7,100 रुपये और 7,050 रुपये प्रति क्विंटल हो
गए।
हालांकि कनाडा की मसूर के भाव हजीरा बंदरगाह पर 6,950 रुपये
प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे, जबकि आस्ट्रेलियाई मसूर के भाव कंटेनर में
7,200 रुपये और कनाडा की मसूर के दाम कंटेनर मेें 7,150 रुपये प्रति
क्विंटल के पूर्वस्तर पर स्थिर बने रहे।
कानपूर में देसी मसूर की कीमतों में 125 रुपये की तेजी आकर भाव 6,925 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
दिल्ली
में राजस्थानी चना के भाव 25 रुपये तेज होकर 5,050 से 5,075 रुपये प्रति
क्विंटल हो गए, जबकि मध्य प्रदेश के चना के दाम 4,950 रुपये प्रति क्विंटल
पर स्थिर बने रहे।
कानपूर में चना के 100 रुपये तेज होकर भाव 4,900 से 4,950 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।
जयपुर में चना के बिल्टी भाव 75 रुपये तेज होकर 5,000 से 5,025 रुपये प्रति हो गए।
06 मई 2022
मिलों की मांग से बर्मा की अरहर और उड़द के साथ आयातित तथा देसी मसूर के भाव बढ़े
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