नई
दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा सोया तेल और सूरजमुखी तेल के शुल्क मुक्त
आयात की अनुमति से घरेलू बाजार में बुधवार को सरसों एवं इसके तेल की कीमतों
में गिरावट दर्ज की गई। जयपुर में कंडीशन की सरसों के दाम 75 रुपये कमजोर
होकर 7,150 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि सरसों की दैनिक आवक 4.50 लाख
बोरियों के पूर्वस्तर पर स्थिर बनी रही। अधिकांश ब्रांडेड कंपनियों ने आज
सरसों की खरीद कीमतों में 100 रुपये प्रति क्विंटल तक की कटौती कर दी।
व्यापारियों
के अनुसार केंद्र सरकार घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों को काबू
में रखने के लिए मार्च 2024 तक प्रत्येक वर्ष के लिए 20 लाख टन क्रुड पॉम
तेल और क्रुड सूरजमुखी तेल के शुल्क-मुक्त आयात की अनुमति दी है। इससे
घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों पर दबाव देखा गया, जिसका असर सरसों
एवं इसके तेल पर भी पड़ा है। सरकार हर सप्ताह खाद्य तेलों की कीमतों की
निगरानी कर रही है, इसलिए मिलर्स एवं स्टॉकिस्ट जरुरत के हिसाब से ही खरीद
कर रहे हैं। जून में मानसूनी बारिश शुरू होने के बाद खाद्य तेलों की मांग
घरेलू बाजार में आमतौर पर बढ़ जाती है। हालांकि सरसों की कीमतों अभी बड़ी
तेजी के आसार नहीं है।
इंडोनेशिया में सरकार ने घरेलू तेलों की खपत
की आवश्यकता को सुनिश्चित करने के लिए नई नीति लेकर आयेगी। एमस्पेक एग्री
मलेशिया के अनुसार, मलेशिया से पहली से 25 मई के दौरान पाम तेल का निर्यात
अप्रैल महीने की समान अवधि की तुलना में 22.54 फीसदी बढ़ गया।
मलेशिया
में अगस्त महीने के वायदा अनुबंध में पॉम तेल की कीमतों में 93 रिगिंट
यानि की 1.43 फीसदी की गिरावट आकर भाव 6,389 रिगिंट प्रति टन रह गए। साथ ही
शिकागों के इलेक्ट्रानिक ट्रेडिंग में आज सोयाबीन, सोया तेल और मील की
कीमतों में भी गिरावट दर्ज की गई।
जयपुर में कच्ची घानी सरसों तेल
एवं एक्सपेलर के भाव में 10-10 रुपये की गिरावट आकर दाम क्रमश: 1,471 रुपये
और 1,461 रुपये प्रति 10 किलो रह गए। इस दौरान सरसों खल की कीमतें 2,750
रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर स्थिर बनी रही।
देशभर की
मंडियों में बुधवार को सरसों की दैनिक आवक 4.50 लाख बोरियों की ही हुई,
जबकि मंगलवार को भी आवक इतनी ही बोरियों की हुई थी। कुल आवकों में से
प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में 2 लाख बोरी, मध्य प्रदेश में
30 हजार बोरी, उत्तर प्रदेश में 75 हजार बोरी, हरियाणा और पंजाब में 60
हजार बोरी, गुजरात में 20 हजार बोरी तथा अन्य राज्यों की मंडियों में 65
हजार बोरी सरसों की आवक हुई।
26 मई 2022
केंद्र द्वारा सोया और सूरजमुखी तेलों के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति से सरसों मंदी
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