नई
दिल्ली। केंद्र सरकार ने गेहूं के निर्यात पर रोक लगी हुई है, इसके बावजूद
भी सोमवार को मध्य प्रदेश की गुना मंडी से जापान की कंपनी के अधिकारियों
ने 2,175 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं की खरीद की। विदेशी कंपनी की
खरीद को देखते हुए घरेलू मिलों की मांग में भी सुधार आया तथा स्टॉकिस्टों
की बिकवाली कम हो गई। दिल्ली में इस दौरान गेहूं के दाम 10 से 30 रुपये
प्रति क्विंटल तक तेज हो गए। उत्तर प्रदेश और राजस्थान लाईन के गेहूं के
दाम बढ़कर 2,250 से 2,270 रुपये और मध्य प्रदेश लाईन के गेहूं के दाम तेज
होकर 2,230 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।
जानकारों के अनुसार देश के
कई राज्यों की मंडियों में आज गेहूं के भाव में सुधार आया। सूत्रों के
अनुसार गेहूं निर्यात में आगामी दिनों में कुछ और राहत मिलने की उम्मीद है,
इसीलिए स्टॉकिस्ट दाम घटाकर बिकवाली नहीं कर रहे हैं। इसलिए मौजूदा कीमतों
में आगे हल्का सुधार और भी बन सकता है।
उधर केंद्र सरकार द्वारा
गेहूं के निर्यात पर रोक लगाए जाने के बावजूद इसकी सरकारी खरीद में तेजी
नहीं आई है। सरकार ने 13 मई को गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था तथा उस
दिन तक 179.89 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई थी। उसके बाद 30 मई तक यह
आंकड़ा केवल 184.64 लाख टन तक ही पहुंच पाया है। अत: इस दौरान केवल 4.75
लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई, ऐसे में 195 लाख टन खरीद के संशोधित
लक्ष्य को हासिल कर पाना मुश्किल है।
पिछले साल रबी सीजन में 434
लाख टन गेहूं की एमएसपी पर खरीद को देखते हुए चालू रबी सीजन के आरंभ में
सरकार ने 444 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा था, लेकिन बाद में उसे
घटाकर 195 लाख टन कर दिया। हालांकि सरकार ने गेहूं उत्पादन के अनुमान में
अभी तक ज्यादा कटौती नहीं की है। पहले 11.13 करोड़ टन गेहूं उत्पादन का
अनुमान था, जिसे घटाकर 10.6 करोड़ टन किया गया है। 2020-21 में 10.96 करोड़
टन गेहूं का उत्पादन हुआ था। हालांकि होली के बाद से अचानक तापमान बढ़ने
के कारण गेहूं के उत्पादन में 15 से 20 फीसदी तक की गिरावट आने की आशंका
है।
पंजाब में गेहूं की खरीद बंद हो चुकी है तथा राज्य की मंडियों
से अब तक 96.10 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई है। उधर मध्य प्रदेश की
मंडियों से 19 मई तक 41.89 लाख टन गेहूं खरीदा गया था, जोकि 30 मई को बढ़कर
44.27 लाख टन तक पहुंचा है। हरियाणा की मंडियों से 19 मई तक 40.64 लाख टन
गेहूं की सरकारी खरीद हुई थी, जो अब 41.34 लाख टन तक पहुंची है। यही हाल
उत्तर प्रदेश का है जहां आंकड़ा 2.47 लाख टन से बढ़कर 2.84 लाख टन तक ही
पहुंच पाया है।
केंद्र सरकार ने 13 मई को निर्यात पर रोक लगाई थी,
तब उम्मीद थी कि किसान सरकारी खरीद केंद्रों पर गेहूं बेचने आयेंगे, लेकिन
खरीद के आंकड़ों को देखकर ऐसा लगता है कि किसान अधिकतर फसल की बिक्री पहले
ही कर चुके हैं। हालांकि सरकार खरीद बढ़ाने के लिए सरकार ने 15 मई को
नियमों में भी ढील दी थी और कहा था कि 18 फीसदी तक सिकुड़े दाने बिना भाव
में कटौती के खरीदे जाएंगे। इसके बावजूद भी सरकारी खरीद में तेजी नहीं आई।
31 मई 2022
जापानी कंपनी ने मध्य प्रदेश की गुना मंडी से खरीदा गेहूं, भाव में आया सुधार
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