नई
दिल्ली। पहली अक्टूबर 2021 से शुरू हुए चालू फसल सीजन में अप्रैल 22 अंत
तक सोया डीओसी का निर्यात 70.67 फीसदी घटकर केवल 5.12 लाख टन का ही हुआ है,
जबकि पिछले फसल सीजन की समान अवधि में इसका निर्यात 17.46 लाख टन का हुआ
था।
सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया, सोपा के अनुसार विश्व
बाजार में सोया डीओसी की कीमतें कम रही, जबकि घरेलू बाजार में इसके दाम तेज
होने के कारण निर्यात में कमी आई है। चालू सीजन में आरंभ में 2.41 लाख टन
सोया डीओसी का बकाया स्टॉक था, जबकि 4.40 लाख टन का आयात हुआ है। चालू फसल
सीजन में पहले सात महीनों में 36.72 लाख टन सोया डीओसी का उत्पादन हुआ है,
तथा इसमें से फीड में खपत 32.50 लाख टन की और खाने में 4.65 लाख टन की हुई
है। अत: पहली मई को 1.26 लाख टन सोया डीओसी का बकाया स्टॉक है, जोकि पिछले
साल की समान अवधि के 1.53 लाख टन से कम है।
पहली अक्टूबर 2021 से
अप्रैल 2022 के अंत तक देशभर की मंडियों में 66 लाख टन सोयाबीन की आवक हुई
है, जबकि इसमें से 46 लाख टन की क्रेसिंग हो पाई है। इसके अलावा 1.70 लाख
टन सोयाबीन की अप्रैल तक सीधी खपत हुई है, जबकि 0.32 लाख टन का निर्यात हुआ
है।
सोपा के अनुसार चालू सीजन के आरंभ में 1.83 लाख टन सोयाबीन का
बकाया स्टॉक था, जबकि 118.89 लाख टन का उत्पादन हुआ। अत: अपैल के अंत तक
2.30 लाख टन का आयात हुआ है, जबकि 13 लाख टन सोयाबीन की खपत बीज में हो
जायेगी। ऐसे में माना जा रहा है कि अप्रैल के अंत में व्यापारियों एवं
स्टॉकिस्टों के पास करीब 62 लाख टन सोयाबीन का बकाया स्टॉक बचा हुआ है,
जोकि पिछले साल की समान अवधि के 25.84 लाख टन के दोगुने से भी ज्यादा है।
13 मई 2022
चालू फसल सीजन के पहले सात महीनों में डीओसी का निर्यात 71 फीसदी घटा - सोपा
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