नई
दिल्ली। चालू रबी विपणन सीजन 2022-23 में 11 मई तक देश के प्रमुख उत्पादक
राज्यों से न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर 178.03 लाख टन गेहूं की सरकारी
खरीद हो चुकी है जोकि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले कम है। उत्पादक
मंडियों में गेहूं के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी 2,015 रुपये प्रति
क्विंटल से ज्यादा होने के कारण किसान पंजीकरण कराने के बावजूद भी गेहूं
बेचने नहीं आए।
भारतीय खाद्य निगम, एफसीआई के अनुसार अभी तक गेहूं
की हुई कुल खरीद में पंजाब की हिस्सेदारी 95.56 लाख टन की है, जबकि हरियाणा
से एमएसपी पर 40.59 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है। मध्य प्रदेश से चालू रबी
में एमएसपी पर अभी तक 40.59 लाख टन गेहूं खरीदा गया है। एफसीआई के अनुसार
अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश से 2.23 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद ही हो
पाई है।
इस बार गेहूं खरीद में नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है।
चालू रबी विपणन सीजन 2022-23 के दौरान कई राज्यों में सरकारी खरीद के लिए
बड़ी संख्या में किसानों ने पंजीकरण तो करवाया लेकिन लेकिन अपनी उपज बेचने
वे सरकारी खरीद केंद्रों पर आए ही नहीं, क्योंकि उत्पादक मंडियों में
व्यापारी न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी से ज्यादा कीमत पर गेहूं की खरीद कर
रहे थे। उत्तराखंड में 1,050 किसानों ने गेहूं बेचने के लिए पंजीकरण
करवाया, लेकिन सिर्फ एक किसान सरकारी खरीद केंद्र पहुंचा और उसने 3.2 टन
गेहूं बेचा है।
इसी तरह गुजरात में पंजीकरण तो करवाया 11,463
किसानों ने, लेकिन सरकारी खरीद केंद्र पर सिर्फ तीन किसान अपनी फसल बेचने
पहुंचे। इसी तरह राजस्थान में पंजीकरण कराने वाले 12,430 किसानों में से
सिर्फ 85 और जम्मू-कश्मीर में 9,239 में से सिर्फ 58 किसान ही पहुंचे।
हिमाचल प्रदेश में 2,744 किसानों ने पंजीकरण कराया था, लेकिन उनमें से
सिर्फ 976 सरकारी खरीद केंद्रों पर पहुंचे।
हालांकि पंजाब और मध्य
प्रदेश में पंजीकरण की तुलना में ज्यादा किसान पहुंचे। पंजाब में 4.20 लाख
किसानों ने पंजीकरण कराया था, जबकि अब तक 7.39 लाख किसान सरकारी खरीद
केंद्रों पर अपनी उपज बेच चुके हैं। इसी तरह मध्य प्रदेश में 5.03 लाख
पंजीकृत के मुकाबले 5.18 लाख किसान आए हैं। सर्वाधिक खरीद के मामले में
तीसरे राज्य हरियाणा में 4.19 लाख किसानों ने पंजीकरण कराया था, जबकि आए
3.05 लाख।
हालांकि, नौ राज्यों में कुल रजिस्टर्ड किसानों और सरकारी
खरीद केंद्रों में आने वाले किसानों का योग देखें तो अंतर ज्यादा नहीं
लगता। इन नौ राज्यों के 230 जिलों में 16.99 लाख किसानों ने गेहूं बेचने के
लिए पंजीकरण करवाया था और आए 16.19 लाख किसान।
13 मई 2022
गेहूं की सरकारी खरीद 178 लाख टन के पार, पंजीकरण के बावजूद किसान बेचने नहीं आए
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