नई
दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर बनी रहने के कारण सोमवार को आयातित
के साथ ही देसी अरहर, उड़द और मसूर के साथ ही चना एवं काबुली चना की
कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। व्यापारियों के अनुसार हाजिर बाजार में नकदी
की किल्लत होने के कारण भुगतान समय पर नहीं हो पाने के कारण दालों में थोक
एवं खुदरा मांग कमजोर है।
केंद्र सरकार समय, समय पर दलहन एवं
तिलहन की कीमतों की समीक्षा कर रही है, जिस कारण व्यापारियों ने चालू सीजन
में दलहन के बजाए, गेहूं, जौ एवं मक्का का स्टॉक किया है। अत: दालों में
स्टॉकिस्टों में बिकवाली की बराबर बनी रहने से भाव में लगातार गिरावट दर्ज
की गई।
अरहर एवं उड़द का आयातित स्टॉक बंदरगाहोें पर ज्यादा है,
साथ ही चालू महीने में समर उड़द की नई फसल की आवक बनेगी, तथा चालू समर में
मध्य प्रदेश की जबलपुर लाईन में उत्पादन अनुमान ज्यादा है। हालांकि मौजूदा
भाव में बर्मा से अरहर और उड़द के आयात की लागत बढ़ गई है, ऐसे में इनके
भाव में हल्का सुधार तो आ सकता है लेकिन बड़ी तेजी की उम्मीद अभी नहीं है।
चना
एवं मसूर की दैनिक आवक बराबर बनी हुई है, तथा चना एवं मसूर का उत्पादन
अनुमान पिछले साल की तुलना में ज्यादा है। इसलिए इनकी कीमतों पर दबाव देखा
जा रहा है। आयातित मसूर का बकाया स्टॉक बंदरगाहों पर अच्छा बताया जा रहा
है।
बर्मा की लेमन अरहर 2022 की फसल की कीमतों में दिल्ली में 25 रुपये की गिरावट आकर भाव 6,550 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
चेन्नई में, बर्मा की लेमन अरहर के भाव में 50 रुपये का मंदा आकर दाम 6,175 से 6,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
महाराष्ट्र
की नांदेड़ लाईन से पुरानी और नई अरहर के भाव में 75 से 100 रुपये का मंदा
आकर दिल्ली डिलीवरी का व्यापार क्रमशः 6,325 रुपये और 6,400 रुपये प्रति
क्विंटल की दर पर हुआ।
मुंबई में लेमन अरहर के भाव 6,250 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
मुंबई
में तंजानिया की अरुषा अरहर के दाम 5,500-5,550 रुपये प्रति क्विंटल पर
स्थिर बने रहे। मलावी अरहर के दाम भी 4,900-5,000 रुपये प्रति क्विंटल के
पूर्वस्तर पर टिके रहे। मोजाम्बिक लाईन की गजरी अरहर की कीमतें 5,450 रुपये
प्रति क्विंटल बोली गई। इसी तरह से तंजानिया लाईन की मटवारा अरहर के दाम
5,350-5,400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रहे। हालांकि इन भाव में ग्राहकी
कमजोर बनी रही।
मिलों की मांग कमजोर होने से दिल्ली में बर्मा
उड़द एसक्यू और एफएक्यू नई के भाव में 50-75 रुपये की गिरावट आकर दाम
क्रमश: 7,600 रुपये और 6,925 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान उड़द
एसक्यू और एफएक्यू पुरानी के भाव में भी 50-75 रुपये की गिरावट आकर भाव
क्रमश: 7,550 रुपये और 6,8750 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। बर्मा में उड़द
का उत्पादन अनुमान ज्यादा है।
दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने
से मुंबई में बर्मा उड़द एफएक्यू की कीमतों में 50 रुपये की गिरावट आकर भाव
6,700 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
चेन्नई में उड़द एफएक्यू और
एसक्यू की कीमतों में 50 से 75 रुपये का मंदा आकर भाव क्रमश: 6,600 रुपये
एवं 7,275 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
दाल मिलों की कमजोर मांग से
दिल्ली में कनाडा और मध्य प्रदेश की मसूर के भाव में 25-25 रुपये की
गिरावट आकर भाव क्रमश: 7,025 रुपये और 6,925 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
हालांकि आयातित मसूर का बकाया स्टॉक कमजोर है, लेकिन मिलों की मांग में भी
गिरावट आई।
दाल मिलों की हाजिर मांग सीमित होने से कनाडा की मसूर
के भाव हजिरा बंदरगाह पर 6,950 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। इस
दौरान आस्ट्रेलियाई मसूर के दाम कंटेनर में 7,250 रुपये और कनाडा की मसूर
के भाव कंटेनर में 7,200 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।
तंजानिया के चना के भाव में मुंबई में 50 रुपये की गिरावट आकर दाम 4,400 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
दिल्ली
में चना की कीमतों में 25 रुपये का मंदा आकर राजस्थानी चना के दाम 4,950
से 4,975 रुपये एवं मध्य प्रदेश के चना के भाव 4,875 से 4,900 रुपये प्रति
क्विंटल रह गए।
सूडान के काबुली चने के भाव में 50 रुपये की गिरावट
आकर दाम 5,650-5,750 रुपये प्रति रह गए। काबुली चना में मिलों की मांग
कमजोर है, जबकि घरेलू मंडियों के साथ ही सूडान आयातित चना भी रहा है।
03 मई 2022
दाल मिलों की कमजोर मांग से अरहर, उड़द और मसूर के साथ ही चना की कीमतों में गिरावट
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