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07 सितंबर 2021

मिलों की मांग घटने से मुंबई में अरहर, मसूर, चना और काबुली चना नरम, उड़द स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़े भाव में कमजोर होने के कारण मंगलवार को मुंबई में आयातित अरहर, मसूर, चना और काबुली चना की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई जबकि उड़द के दाम स्थिर बने रहे।

दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से मुंबई में अरुषा अरहर की कीमतों में 50 रुपये की गिरावट आकर भाव 6,500-6,525 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इसी तरह से मोजाम्बिक और सूडान की अरहर के भाव भी 50-50 रुपये घटकर भाव क्रमश: 6,400-6,425 रुपये और 6,825 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। दूसरी ओर, बर्मा की लेमन अरहर नई के साथ ही पुरानी की कीमतें  क्रमश: 6,600 रुपये और 6,500 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही।

तंजानिया लाईन की अरुषा अरहर के सितंबर की शिपमेंट के भाव 6,450 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। मटवारा अरहर सितंबर की शिपमेंट के भाव 6,250-6,275 रुपये प्रति क्विंटल रहे। मोज़ाम्बिक और मलावी की लाल अरहर बोल्ड क्वालिटी के भाव सितंबर शिपमेंट, या अक्टूबर डिलीवरी के भाव 5,575 रुपये प्रति क्विंटल बोली गई।

केंद्र सरकार ने सोमवार को वित्त वर्ष 2021-22 के लिए म्यांमार से 1 लाख टन अरहर और मलावी से 50,000 टन अरहर के आयात की अधिसूचना जारी कर दी है।

बढ़े भाव में दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से कनाडा की मसूर के भाव मुंबई, मुंद्रा, कांडला और हजीरा बंदरगाह के साथ ही आस्ट्रेलियाई मसूर के भाव मुंबई में 25-100 रुपये प्रति क्विंटल नरम हो गए।

केंद्र सरकार ने रुस से छह महीने की अवधि के लिए मसूर के आयात की अनुमति दी है।

कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका में मसूर का उत्पादन अनुमान घटने की आशंका के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में मसूर के दाम तेज बने हुए हैं।

कनाडा में मसूर का उत्पादन वर्ष 2021 के लिए 31 फीसदी और पांच साल के औसत उत्पादन से 25 फीसदी कम होने का अनुमान है।

ऑस्ट्रेलियन ब्यूरो ऑफ एग्रीकल्चर एंड रिसोर्स इकोनॉमिक्स एंड साइंसेज, की फसल रिपोर्ट सितंबर 2021 के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया में मसूर का उत्पादन वर्ष 2021-22 के दौरान 0.79 फीसदी बढ़कर 6.39 लाख टन होने का अनुमान है।

सूत्रों के अनुसार रुस में फसल सीजन 2021-22 में मसूर का उत्पादन 1.25 लाख टन होने का अनुमान है, इसके दाने छोटे होते हैं, साथ क्वालिटी भी हल्की होती है। जानकारों के अनुसार रुस से आयात में छूट दिए जाने से बाजार ज्यादा प्रभावित नहीं होगा।

स्थानीय मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने के कारण मुंबई में सूडान और रुस के काबुली चना के भाव 50-50 रुपये घटकर क्रमश: 5,650-6,050 रुपये और 5,250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। उधर सूडान में नए काबुली की आवक हो रही है, लेकिन काबुली चना पर 40 फीसदी आयात शुल्क होने के कारण आयात पड़ते नहीं लग रहे हैं।

इसी तरह तंजानिया चना के भाव में मुंबई में 25 रुपये की गिरावट आकर भाव 5,225 से 5,425 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

नेफेड के साथ ही एफसीआई लगातार केंद्रीय पूल से चना की बिकवाली कर रही है।

आगे के व्यापार में, तंजानिया चना की कीमत सितंबर शिपमेंट के लिए भाव 5,475-5,500 रुपये और अक्टूबर शिपमेंट के लिए 5,600 रुपये प्रति क्विंटल रही।

बढ़े भाव में सीमित मांग के कारण मुंबई में बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतें क्रमशः 7,175 रुपये और 7,075 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही।

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