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16 सितंबर 2021

मुंबई में बर्मा उड़द तेज, अन्य दालों के दाम स्थिर, खरीफ उड़द की फसल प्रभावित होने का डर

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा दालों की कीमतों को काबू में रखने के लिए नीतियों में लगातार बदलाव करने के कारण दाल मिलें केवल जरुरत के हिसाब से ही साबूत मालों की खरीद कर रही है। हालांकि आगे खपत का सीजन है, इसलिए दालों की मांग में तो सुधार आयेगा, जिससे मौजूदा कीमतों में हल्का सुधार भी बन सकता है लेकिन बड़ी तेजी मानकर व्यापार नहीं करना चाहिए। क्योंकि केंद्र सरकार लगातार दालों की कीमतोें निगरानी कर रही है।

दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से गुरूवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में आयातित उड़द की कीमतों में तेजी दर्ज की गई, जबकि अन्य दालों के दाम स्थिर बने रहे। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने मुंबई में बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतों में 25-25 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमशः 7,100 रुपये और 7,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। व्यापारियों के अनुसार खरीफ की नई फसल की आवक बढ़ने के साथ ही आयात बढ़ने की संभावना से भाव में नरमी दर्ज की गई।

प्रमुख उत्पादक राज्यों में खरीफ उड़द की कटाई चल रही है, जबकि कई राज्यों में हाल ही में ज्यादा बारिश हुई है, तथा आगे और बारिश होने की भविष्यवाणी है, जिससे खरीफ उड़द की फसल प्रभावित होने का डर है। अत: अच्छी क्वालिटी की उड़द में मिलों की मांग बढ़ने की उम्मीद है, जिससे इसके भाव में सुधार आ सकता है। हालांकि उड़द की कीमतों में बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है, क्योंकि आगे खरीफ उड़द की दैनिक आवक तो बढ़ेगी ही, साथ ही आयातित माल भी ज्यादा मात्रा में आयेंगे। सरकारी हस्तक्षेप के डर से व्यापारी उड़द में बड़ा जोखिम भी नहीं लेना चाहते।

वैसे भी केंद्र सरकार ने अरहर और उड़द के आयात की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2022 तक बढ़ा दी है। आयातित दालों की बिलिंग तिथि 31 दिसंबर 2021 तक ही होनी चाहिए तथा आयात की अनुमति 31 जनवरी, 2022 तक रहेगी।

स्थानीय मिलों की हाजिर मांग सीमित होने के कारण मुंबई में रुस और सूडान के काबुली चना के भाव क्रमश: 5,150 रुपये और 5,600 से 5,900 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। सूडान में नए काबुली की आवक हो रही है, लेकिन काबुली चना पर 40 फीसदी आयात शुल्क होने के कारण आयात पड़ते नहीं लग रहे हैं। तंजानिया के चना के भाव मुंबई में मिलों की खरीद सीमित होने से 5,150-5,350 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। आगे के व्यापार में, तंजानिया चना के भाव सितंबर, अक्टूबर शिपमेंट के लिए 5,450 रुपये और अक्टूबर, नवंबर शिपमेंट के लिए 5,550 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।


कनाडा की मसूर के भाव मुंद्रा, हजीरा, कांडला और मुंबई बंदरगाह के साथ ही आस्टेलियाई मसूर के भाव मुंबई में स्थिर बने रहे। व्यापारी मसूर में जरुरत के हिसाब से खरीद कर रहे हैं। हालांकि, कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका में मसूर का उत्पादन कम होने का अनुमान है, जिससे विश्व बाजार में मसूर के दाम तेज बने हुए है। इसलिए घरेलू बाजार में भी ज्यादा मंदा आने की उम्मीद नहीं है।

दाल मिलों की हाजिर मांग सीमित बनी रहने के कारण मुंबई में बर्मा की लेमन अरहर नई के साथ ही पुरानी की कीमतें क्रमश: 6,500 रुपये और 6,400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रह। इसी तरह से मोजाम्बिक अरहर के साथ ही अरुषा की अरहर की कीमतें क्रमश: 6,250 रुपये और 6,250 से 6,350 रुपये प्रति क्विंटल बोली गई। सूडान की अरहर के भाव भी 6,650 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

 

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