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17 सितंबर 2021

मुंबई में आयातित अरहर एवं काबुली चना में गिरावट, उड़द एवं मसूर स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने के कारण शुक्रवार को मुंबई में आयातित अरहर के साथ ही काबुली चना की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई जबकि उड़द के साथ ही मसूर के दाम इस दौरान स्थिर बने रहे।

व्यापारियों के अनुसार त्यौहारी सीजन से पहले दालों में थोक के साथ ही खुदरा में मांग कमजोर ही बनी रही, लेकिन आगे मांग में सुधार आने का अनुमान है। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से मुंबई में अरुषा अरहर के साथ ही मोजाम्बिक की अरहर के भाव 50-50 रुपये घटकर क्रमश: 6,200-6,300 रुपये और 6,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। सूडान की अरहर के भाव भी 50 घटकर 6,600 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। हालांकि इस दौरान बर्मा की लेमन अरहर नई के साथ ही पुरानी की कीमतें क्रमश: 6,500 रुपये और 6,400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही। जानकारों के अनुसार हाजिर बाजार में अफ्रीका की सस्ती अरहर की उपलब्धता के साथ ही आगे आने वाली नीचे भाव की अरहर से कीमतों पर दबाव देखा गया।

स्थानीय मिलों की हाजिर मांग कमजोर बनी रहने के कारण मुंबई में रुस और सूडान के काबुली चना के भाव में 50-50 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 5,100 रुपये और 5,600 से 5,900 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। सूडान में नए काबुली की आवक हो रही है, लेकिन काबुली चना पर 40 फीसदी आयात शुल्क होने के कारण आयात पड़ते नहीं लग रहे हैं।

तंजानिया के चना में दाल मिल की सीमित मांग से भाव 5,125-5,350 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। आगे के व्यापार में, तंजानिया चना के भाव सितंबर, अक्टूबर शिपमेंट के लिए 5,400 रुपये और अक्टूबर, नवंबर शिपमेंट के लिए 5,450 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से मुंबई में बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतें क्रमशः 7,125 रुपये और 7,025 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही। हालांकि खरीफ उड़द की कटाई चल रही है, जबकि कई राज्यों में हाल ही में ज्यादा बारिश हुई है, तथा मौसम विभाग ने कई राज्यों में तेज बारिश का अलर्ट जारी किया है, जिससे खरीफ उड़द की फसल दागी होने का डर है। अत: अच्छी क्वालिटी की उड़द में मिलों की मांग बढ़ने की उम्मीद है, जिससे इसके भाव में और सुधार आ सकता है। हालांकि व्यापारी उड़द की कीमतों में बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है, क्योंकि आगे खरीफ उड़द की दैनिक आवक तो बढ़ेगी ही, साथ ही आयातित माल भी ज्यादा मात्रा में आयेंगे। सरकारी हस्तक्षेप के डर से व्यापारी उड़द में बड़ा जोखिम भी नहीं लेना चाहते।

कनाडा की मसूर के भाव मुंद्रा, हजीरा, कांडला और मुंबई बंदरगाह के साथ ही आस्टेलियाई मसूर के भाव मुंबई और कोलाकता में स्थिर बने रहे। उधर, कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका में मसूर का उत्पादन कम होने का अनुमान है, जिससे विश्व बाजार में मसूर के दाम तेज बने हुए है। इसलिए घरेलू बाजार में भी ज्यादा मंदा आने की उम्मीद नहीं है।

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