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21 मार्च 2019

सरकार ने केंद्रीय पूल से गेहूं खरीदारों की मांगी जानकारी, जमाखोरी की आशंका

आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार की नजर गेहूं के बड़े कारोबारियों पर है, इसी के तहत सरकार ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से खरीदारों की सूची मांगी है। एफसीआई ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री 1,950 रुपये प्रति क्विंटल के भाव कर रही है जबकि दिल्ली के लारेंस रोड़ पर गेहूं का भाव 2,070 से 2,075 रुपये प्रति क्विंटल है। जानकारों के अनुसार इन भाव में व्यापारियों को मात्र 10 से 15 रुपये प्रति क्विंटल की ही बचत हो रही है।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार चालू सीजन में खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत रिकार्ड 80 लाख टन गेहूं की बिक्री की गई है, इसके बावजूद भी भाव में अपेक्षित गिरावट नहीं आई है। इसीलिए एफसीआई से बड़े खरीददारों की सूची देने को कहा है। उन्होंने कहा कि व्यापारियों द्वारा खरीदे गए और बेचे गए गेहूं की जानकारी ली जायेगी। फसल सीजन 2017-18 में केवल 14.21 लाख टन गेहूं ओएमएसएस के तहत बिका था। 
मौजूदा भाव में गेहूं कारोबारियों को मात्र 10 से 15 रुपये की बचत
लारेंस रोड के एक गेहूं कारोबारी ने बताया कि एफसीआई हरियाणा और पंजाब से 1,950 रुपये प्रति क्विंटल के भाव गेहूं बेच रही है। इन भाव में हरियाणा स्थित एफसीआई के गोदाम से गेहूं खरीद करने पर 60 रुपये परिवहन लागत एवं करीब 40-50 रुपये अन्य खर्च को मिलाकर करीब 100 से 110 रुपये का खर्च आता है। अत: इस समय गेहूं में केवल 10 से 15 रुपये प्रति क्विंटल का मार्जिन मिल रहा है। इसलिए व्यापारियों ने गेहूं की खरीद भी एफसीआई से पहले की तुलना में कम कर दी है। उन्होंने बताया कि अप्रैल से नए गेहूं की आवक बढ़ जायेगी, तथा चालू सीजन में गेहूं का उत्पादन भी ज्यादा होने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि सप्ताहभर में गेहूं की कीमतों में 30 से 35 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आया है।
फ्लोर मिलों ने खरीदा है 70 फीसदी से ज्यादा गेहूं
कर्नाटक के एक फ्लोर मिल के प्रबंधक ने बताया कि ओएमएसएस के तहत केंद्र द्वारा बेचे गए 80 लाख टन गेहूं में से 70 फीसदी से ज्यादा सीधा फ्लोर मिलों द्वारा खरीदा गया है। उन्होंने बताया कि दक्षिण भारत की फ्लोर मिलों ने मध्य प्रदेश से गेहूं की खरीद की है, जबकि सरकार मार्च में मध्य प्रदेश से ओएमएसएस के तहत बिक्री बंद कर दी थी। उन्होंने बताया कि दिसंबर तक एफसीआई 1,925 रुपये प्रति क्विंटल के भाव गेहूं बेच रही थी, जबकि जनवरी से बिक्री भाव 1,950 रुपये प्रति क्विंटल किया गया था।
केंद्रीय पूल में स्टॉक ज्यादा
केंद्रीय पूल में पहली मार्च को 201.09 लाख टन गेहूं का स्टॉक बचा हुआ है जबकि पिछले साल मार्च में केवल 151.55 लाख टन का स्टॉक था। एफसीआई ने रबी विपणन सीजन 2018-19 में समर्थन मूल्य पर 357.95 लाख टन गेहूं की खरीद की थी। इसमें सबसे ज्यादा पंजाब से 126.92 लाख टन, हरियाणा से 87.84 लाख टन और मध्य प्रदेश से 73.13 लाख टन तथा उत्तर प्रदेश से 52.94 लाख टन था।
एमएसपी में 105 रुपये की बढ़ोतरी
चालू रबी विपणन सीजन 2019-20 के लिए केंद्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाकर 1,840 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है जबकि पिछले रबी सीजन में एमएसपी 1,735 रुपये प्रति क्विंटल था। मध्य प्रदेश में राज्य सरकार ने गेहूं पर 160 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस तय किया हुआ है, अत: मध्य प्रदेश में किसानों से 2,000 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर खरीद होगी।
उत्पादन अनुमान ज्यादा
कृषि मंत्रालय के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार चालू रबी 2018-19 में गेहूं का उत्पादन बढ़कर 991.2 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 971.1 लाख टन का उत्पादन ही हुआ था।..... आर एस राणा

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