आर एस राणा
नई
दिल्ली। सूखे की मार झेल रहे महाराष्ट्र के गन्ना किसानों का चालू पेराई
सीजन 2018-19 का चीनी मिलों पर 4,929 करोड़ रुपये बकाया है, जबकि राज्य की
41 चीनी मिलों ने गन्ने की पेराई कर दी है। अत: बकाया भुगतान नहीं होने से
राज्य के किसानों को भारी आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
महाराष्ट्र
के गन्ना किसान बाला साहेब चौहान ने बताया कि सूखे के कारण किसानों की
हालत खराब ही खराब थी, उपर से चीनी मिलों द्वारा गन्ने के बकाया का भुगतान
नहीं किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले साल भी भुगतान में देरी हुई
थी, चालू सीजन में भी हालात जस के तस बने हुए हैं। बकाया भुगतान में देरी
से किसानों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
राज्य में 41 चीनी मिलों ने गन्ना पेराई की बंद
राज्य
के गन्ना आयुक्त कार्यलय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पहली अक्टूबर
2018 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2018-19 (अक्टूबर से सितंबर) में 15
मार्च तक राज्य की चीनी मिलों ने 19,623 करोड़ रुपये का गन्ना खरीद है जबकि
इसमें से भुगतान 14,881 करोड़ रुपये का ही किया है। ऐसे में चीनी मिलों पर
किसानों का बकाया 4,929 करोड़ रुपये बकाया है। उन्होंने बताया कि चालू
पेराई सीजन में राज्य में 186 चीनी मिलों में पेराई चल रही थी, 24 मार्च तक
राज्य की 41 चीनी मिलों में पेराई बंद हो गई है।
केंद्र सरकार चीनी निर्यात के लिए नहीं बना पाई ठोस नीति
स्वाभिमानी
शेतकारी संगठन के नेता और लोकसभा सांसद राजू शेट्टी ने बताया कि राज्य के
किसान पहले ही सूखे की मार झेल रहे हैं, उपर से गन्ना किसानों को चीनी
मिलों से भुगतान में देरी हो रही है। उन्होंने बताया कि केंद्र के साथ ही
राज्य सरकार की नीतियों के कारण चीनी मिलें भुगतान नहीं कर पा रही है।
पिछले दो साल से देश में चीनी का उत्पादन मांग से ज्यादा हो रहा है लेकिन
केंद्र सरकार ने चीनी निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कोई ठोस नीति नहीं
बनाई, बफर स्टॉक भी कम बनाया। जिस कारण चीनी मिलों पर नकदी का संकट हो गया।
उन्होंने बताया कि सूखे से प्रभावित राज्य के किसानों को फसल बीमा
कंपनियां मुआवजा भी नहीं दे रही है इसलिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के
बजाए इस स्कीम का नाम प्रधानमंत्री कारपोरेट कल्याण योजना होना चाहिए
क्योंकि इस योजना से किसानों के बजाए कंपनियों को ज्यादा फायदा हो रहा है।
चीनी का उत्पादन अनुमान कम
उद्योग
के अनुसार चालू पेराई सीजन में 15 मार्च 2019 तक राज्य में चीनी का
उत्पादन बढ़कर 100.08 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान
अवधि में राज्य में 93.84 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। इंडियन शुगर
मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन में देश में 307 लाख टन
चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है जबकि पिछले पेराई सीजन में 325 लाख टन
चीनी का उत्पादन हुआ था। पहली अक्टूबर 2018 से 15 मार्च 2019 तक चीनी का
उत्पादन 273.47 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है।..... आर एस राणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें