आर एस राणा
नई
दिल्ली। केंद्र सरकार ने नकदी की समस्या से जूझ रही चीनी मिलों को एथेनॉल
उत्पादन संयंत्र स्थापित करने के लिए दिए जाने वाले ब्याज सहायता के वास्ते
2,790 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की
अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक
में यह निर्णय लिया गया।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बैठक के बाद
बताया कि सरकार ने चीनी मिलों को बैंक कर्ज पर 2,790 करोड़ रुपये की ब्याज
सहायता देने को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि एथेनॉल का उत्पादन
बढ़ाने में चीनी मिलों की वित्तीय मदद करने की योजना के तहत बैंकों द्वारा
मिलों को 12,900 करोड़ रुपये का कर्ज दिये जाने पर यह ब्याज सहायता उपलब्ध
कराई जायेगी। चीनी मिलों के लिए इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम के तहत यह मंजूरी
दी गई है।
इससे पहले जून में भी दिया था सस्ता कर्ज
समिति
इससे पहले जून 2018 में भी 1,332 करोड़ रुपये की ब्याज सहायता को मंजूरी
दे चुकी है। केंद्र सरकार ने चीनी उद्योग को जून 2018 में 8,500 करोड़
रुपये का पैकेज देने की घोषणा की थी, इसमें 4,440 करोड़ रुपये चीनी मिलों
को सस्ते कर्ज के रूप में एथेनॉल क्षमता के विकास के लिए दिए गए थे।
चीनी के न्यूनतम बिक्री भाव में की थी बढ़ोतरी
चीनी
मिलों पर गन्ना किसानों का बकाया बढ़कर 20 हजार करोड़ रुपये से भी अधिक हो
गया है। केंद्र सरकार ने हाल ही में चीनी उद्योग के आग्रह पर चीनी के
न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) को दो रुपये प्रति किलो बढ़ाकर 31 रुपये
किलो कर दिया था।
एथेनॉल के भाव में किया था इजाफा
सितंबर
2018 में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने एथेनॉल की
कीमतों में भी बढ़ोतरी की थी। इसके तहत समिति ने सीधे गन्ने के रस से बनने
वाले एथेनॉल का भाव बढ़ाकर 59.19 रुपये प्रति लीटर तय किया था, जबकि
बी-ग्रेड एथेनॉल का भाव 47.13 रुपये से बढ़ाकर 52.43 रुपये प्रति लीटर कर
दिया था।....... आर एस राणा
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