आर एस राणा
नई दिल्ली। डॉलर के मुकाबले रुपये में आई मजबूती से जहां कपास का आयात सस्ता पड़ रहा है, वहीं निर्यात पड़ते कम लग रहे हैं। आयातित कपास की क्वालिटी अच्छी होने के कारण दक्षिण भारत की यार्न मिलें बराबर मात्रा में आयात कर रही है, इसलिए कपास की कीमतों में आगे तेजी की संभावना नहीं है। अहमदाबाद में शंकर-6 किस्म की कपास का भाव गुरुवार को 43,500 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) रहा तथा चालू महीने में ही इसकी कीमतों में करीब 1,000 रुपये प्रति कैंडी की गिरावट आ गिरावट चुकी है।
व्यापारियों के अनुसार इस समय कपास के आयात सौदे ज्यादा मात्रा में हो रहे हैं, तथा डॉलर के मुकाबले रुपये में आई मजबूती से निर्यात सस्ता भी पड़ रहा है। चालू सीजन में करीब 30 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) का कपास का आयात होने का अनुमान है। कपास के निर्यात सौदों में पहले की तुलना में कमी आई है, तथा माना जा रहा है कि चालू सीजन में कुल निर्यात करीब 48 से 50 लाख का ही हो पायेगा, जोकि पिछले साल की तुलना में कम है।
कपास की बुवाई उत्तर भारत के राज्यों में चालू हो गई है, तथा चालू सीजन में बुवाई ज्यादा होने का अनुमान है। मौसम विभाग ने चालू सीजन में मानसून सामान्य रहने की भविष्यवाणी की है, ऐसे में कपास की कीमतों में मई-जून के बाद और भी गिरावट आयेगी। जून के बाद अमेरिका की कपास की नई फसल भी आ जायेगी। इसलिए आगे इसके भाव में मंदा ही रहेगा।.............आर एस राणा
नई दिल्ली। डॉलर के मुकाबले रुपये में आई मजबूती से जहां कपास का आयात सस्ता पड़ रहा है, वहीं निर्यात पड़ते कम लग रहे हैं। आयातित कपास की क्वालिटी अच्छी होने के कारण दक्षिण भारत की यार्न मिलें बराबर मात्रा में आयात कर रही है, इसलिए कपास की कीमतों में आगे तेजी की संभावना नहीं है। अहमदाबाद में शंकर-6 किस्म की कपास का भाव गुरुवार को 43,500 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) रहा तथा चालू महीने में ही इसकी कीमतों में करीब 1,000 रुपये प्रति कैंडी की गिरावट आ गिरावट चुकी है।
व्यापारियों के अनुसार इस समय कपास के आयात सौदे ज्यादा मात्रा में हो रहे हैं, तथा डॉलर के मुकाबले रुपये में आई मजबूती से निर्यात सस्ता भी पड़ रहा है। चालू सीजन में करीब 30 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) का कपास का आयात होने का अनुमान है। कपास के निर्यात सौदों में पहले की तुलना में कमी आई है, तथा माना जा रहा है कि चालू सीजन में कुल निर्यात करीब 48 से 50 लाख का ही हो पायेगा, जोकि पिछले साल की तुलना में कम है।
कपास की बुवाई उत्तर भारत के राज्यों में चालू हो गई है, तथा चालू सीजन में बुवाई ज्यादा होने का अनुमान है। मौसम विभाग ने चालू सीजन में मानसून सामान्य रहने की भविष्यवाणी की है, ऐसे में कपास की कीमतों में मई-जून के बाद और भी गिरावट आयेगी। जून के बाद अमेरिका की कपास की नई फसल भी आ जायेगी। इसलिए आगे इसके भाव में मंदा ही रहेगा।.............आर एस राणा
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