आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में केंद्र सरकार सार्वजनिक कंपनियों के माध्यम से 16.88 लाख टन दलहन की खरीद कर चुकी है तथा 3.79 लाख दालों का भी सार्वजनिक कंपनियों के माध्यम से कर चुकी है। ऐसे में केंद्र सरकार के पास 28 मार्च 2017 तक 20 लाख टन दलहन का स्टॉक हो चुका है।
खाद्य मंत्रालय के अनुसार केंद्र सरकार ने 20 लाख टन दलहन का बफर स्टॉक बनाने का निर्णय किया था, तथा चालू फसल सीजन 2016-17 में दलहन की घरेलू पैदावार ज्यादा होने से खरीफ सीजन में ही 20 लाख टन दलहन का स्टॉक हो चुका है जबकि खरीफ विपणन सीजन में दलहन की खरीद 15 अप्रैल तक जारी रहेगी, उसके बाद रबी विपणन सीजन की खरीद चालू हो जायेगी। रबी सीजन में केंद्र सरकार ने पांच लाख टन दलहन खरीद की योजना बनाई है, इसमें चार लाख टन चना और एक लाख टन मसूर की खरीद करने की योजना है। हालांकि जानकारों का मानना है कि चना के भाव उत्पादक मंडियों में एमएसपी 4,000 रुपये प्रति क्विंटल से उपर ही रहेंगे, इसलिए चना की खरीद नाममात्र की ही होने का अनुमान है।
केंद्र सरकार ने सार्वजनिक कंपनियों नेफैड, एफसीआई और एसएफएसी के माध्यम से अरहर, मूंग और उड़द की खरीद की है। अभी तक कुल खरीद में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी अरहर की है उसके बाद मूंग और उड़द की खरीद की गई है।
नई दिल्ली। चालू खरीफ में केंद्र सरकार सार्वजनिक कंपनियों के माध्यम से 16.88 लाख टन दलहन की खरीद कर चुकी है तथा 3.79 लाख दालों का भी सार्वजनिक कंपनियों के माध्यम से कर चुकी है। ऐसे में केंद्र सरकार के पास 28 मार्च 2017 तक 20 लाख टन दलहन का स्टॉक हो चुका है।
खाद्य मंत्रालय के अनुसार केंद्र सरकार ने 20 लाख टन दलहन का बफर स्टॉक बनाने का निर्णय किया था, तथा चालू फसल सीजन 2016-17 में दलहन की घरेलू पैदावार ज्यादा होने से खरीफ सीजन में ही 20 लाख टन दलहन का स्टॉक हो चुका है जबकि खरीफ विपणन सीजन में दलहन की खरीद 15 अप्रैल तक जारी रहेगी, उसके बाद रबी विपणन सीजन की खरीद चालू हो जायेगी। रबी सीजन में केंद्र सरकार ने पांच लाख टन दलहन खरीद की योजना बनाई है, इसमें चार लाख टन चना और एक लाख टन मसूर की खरीद करने की योजना है। हालांकि जानकारों का मानना है कि चना के भाव उत्पादक मंडियों में एमएसपी 4,000 रुपये प्रति क्विंटल से उपर ही रहेंगे, इसलिए चना की खरीद नाममात्र की ही होने का अनुमान है।
केंद्र सरकार ने सार्वजनिक कंपनियों नेफैड, एफसीआई और एसएफएसी के माध्यम से अरहर, मूंग और उड़द की खरीद की है। अभी तक कुल खरीद में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी अरहर की है उसके बाद मूंग और उड़द की खरीद की गई है।
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