आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू सीजन में जहां जीरा की पैदावार कम होने की आशंका है, वहीं निर्यातकों के साथ ही स्टॉकिस्टों की मांग अच्छी बनी हुई है जिससे इसकी कीमतों में आगे और तेजी की संभावना है। शनिवार को उंझा मंडी में जीरा के भाव 3,000 से 3,700 रुपये प्रति 20 किलो रहे तथा दैनिक आवक 60 हजार बोरी की हुई।
उत्पादक मंडियों में जीरा की दैनिक आवकों का दबाव मार्च-अप्रैल में ज्यादा रहा है जबकि मई-जून से आवक कम हो जाती है। मार्च महीने में उत्पादक मंडियों में जीरा की आवक 41,994 टन की हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी आवक 45,351 टन की हुई थी। चालू सीजन में जीरा की कुल पैदावार घटकर 3.87 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसकी पैदावार 4.38 लाख टन की हुई थी। सबसे बड़े प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात में जीरा का उत्पादन 11 फीसदी घटकर 2.21 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 2.38 लाख टन का उत्पादन हुआ था।
वित्त वर्ष 2016-17 के पहले 10 महीनों अप्रैल से जनवरी के दौरान जीरा का निर्यात 32 फीसदी बढ़कर 1,01,188 टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 76,663 टन का ही हुआ था। सूत्रों के अनुसार वित्त वर्ष 2016-17 में कुल निर्यात 1.20 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले वित्त वर्ष में कुल 98,700 टन का ही निर्यात हुआ था। जीरा आयात में बंगलादेश के साथ ही यूएई की मांग बढ़ी है। विश्व बाजार में भारतीय जीरा का भाव 3.57 डॉलर प्रति किलो है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसका भाव 3.09 डॉलर प्रति किलो था।
जीरा के अन्य उत्पादक देशों सीरिया और टर्की में राजनीतिक गतिरोध के कारण भारत से चालू वित्त वर्ष 2017-18 में भी जीरा का निर्यात ज्यादा होने का अनुमान है जबकि चालू सीजन में इसका उत्पादन कम होने की आशंका है। ऐसे में आगामी दिनों में घरेलू बाजार में जीरा की कीमतों में और तेजी आने का अनुमान है। माना जा रहा है कि उंझा मंडी में जीरा के भाव उपर में 22,000 रुपये प्रति क्विंटल हो जायेंगे।.....आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू सीजन में जहां जीरा की पैदावार कम होने की आशंका है, वहीं निर्यातकों के साथ ही स्टॉकिस्टों की मांग अच्छी बनी हुई है जिससे इसकी कीमतों में आगे और तेजी की संभावना है। शनिवार को उंझा मंडी में जीरा के भाव 3,000 से 3,700 रुपये प्रति 20 किलो रहे तथा दैनिक आवक 60 हजार बोरी की हुई।
उत्पादक मंडियों में जीरा की दैनिक आवकों का दबाव मार्च-अप्रैल में ज्यादा रहा है जबकि मई-जून से आवक कम हो जाती है। मार्च महीने में उत्पादक मंडियों में जीरा की आवक 41,994 टन की हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी आवक 45,351 टन की हुई थी। चालू सीजन में जीरा की कुल पैदावार घटकर 3.87 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसकी पैदावार 4.38 लाख टन की हुई थी। सबसे बड़े प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात में जीरा का उत्पादन 11 फीसदी घटकर 2.21 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 2.38 लाख टन का उत्पादन हुआ था।
वित्त वर्ष 2016-17 के पहले 10 महीनों अप्रैल से जनवरी के दौरान जीरा का निर्यात 32 फीसदी बढ़कर 1,01,188 टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 76,663 टन का ही हुआ था। सूत्रों के अनुसार वित्त वर्ष 2016-17 में कुल निर्यात 1.20 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले वित्त वर्ष में कुल 98,700 टन का ही निर्यात हुआ था। जीरा आयात में बंगलादेश के साथ ही यूएई की मांग बढ़ी है। विश्व बाजार में भारतीय जीरा का भाव 3.57 डॉलर प्रति किलो है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसका भाव 3.09 डॉलर प्रति किलो था।
जीरा के अन्य उत्पादक देशों सीरिया और टर्की में राजनीतिक गतिरोध के कारण भारत से चालू वित्त वर्ष 2017-18 में भी जीरा का निर्यात ज्यादा होने का अनुमान है जबकि चालू सीजन में इसका उत्पादन कम होने की आशंका है। ऐसे में आगामी दिनों में घरेलू बाजार में जीरा की कीमतों में और तेजी आने का अनुमान है। माना जा रहा है कि उंझा मंडी में जीरा के भाव उपर में 22,000 रुपये प्रति क्विंटल हो जायेंगे।.....आर एस राणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें