आर एस राणा
नई दिल्ली। मार्च महीने में वनस्पति तेलों के आयात में 7 फीसदी की कमी आकर कुल आयात 1,109,825 टन का हुआ है जबकि पिछले साल मार्च में इनका आयात 1,190,515 टन का हुआ था। इस दौरान 1,093,376 टन खाद्य तेलों का और 15,449 टन अखाद्य तेलों का आयात हुआ है।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) के अनुसार चालू तेल वर्ष (नवंबर-16 से अक्टूबर-17) के पहले पांच महीनों में वनस्पति तेलों का आयात 8 फीसदी घटकर 5,790,276 टन का हुआ है जबकि पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में इनका आयात 6,319,822 टन का हुआ था। खरीफ के बाद रबी में घरेलू तिलहनों की पैदावार ज्यादा होने से घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की उपलब्धता ज्यादा होने से आयात में कमी आई है।
वित्त वर्ष 2016-17 के अप्रैल से मार्च के दौरान वनस्पति तेलों के आयात में 9 फीसदी की कमी आई है। इस दौरान 14,408,616 टन वनस्पति तेलों का आयात हुआ है जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान 15,548,233 टन वनस्पति तेलों का आयात हुआ था।
विश्व बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में आई कमी से मार्च महीने में आयातित खाद्य तेलों के भाव में फरवरी के मुकाबले भारी गिरावट आई है। मार्च महीने में आरबीडी पामोलीन का भाव भारतीय बंदरगाह पर घटकर 731 डॉलर प्रति टन रह गया जबकि फरवरी में इसका भाव 773 डॉलर प्रति टन था। इसी तरह से क्रुड पाम तेल का भाव फरवरी के 783 डॉलर प्रति टन से घटकर मार्च में 734 डॉलर प्रति टन रह गया। सोयाबीन क्रुड तेल का भाव फरवरी में 812 डॉलर प्रति टन था, जबकि मार्च में इसका भाव घटकर 767 डॉलर प्रति टन रह गया। क्रुड पाम तेल और आरबीडी पामोलीन की कीमतों में अंतर कम होने के कारण रिफाइंड तेलों के आयात में फरवरी के मुकाबले मार्च में बढ़ोतरी हुई है।
घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की उपलब्धता ज्यादा है, जबकि आयातित क्रुड पाम तेल के साथ ही आरबीडी पामोलीन के भाव भी नीचे बने हुए है, इसलिए घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में अभी तेजी की संभावना नहीं है।.................आर एस राणा
नई दिल्ली। मार्च महीने में वनस्पति तेलों के आयात में 7 फीसदी की कमी आकर कुल आयात 1,109,825 टन का हुआ है जबकि पिछले साल मार्च में इनका आयात 1,190,515 टन का हुआ था। इस दौरान 1,093,376 टन खाद्य तेलों का और 15,449 टन अखाद्य तेलों का आयात हुआ है।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) के अनुसार चालू तेल वर्ष (नवंबर-16 से अक्टूबर-17) के पहले पांच महीनों में वनस्पति तेलों का आयात 8 फीसदी घटकर 5,790,276 टन का हुआ है जबकि पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में इनका आयात 6,319,822 टन का हुआ था। खरीफ के बाद रबी में घरेलू तिलहनों की पैदावार ज्यादा होने से घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की उपलब्धता ज्यादा होने से आयात में कमी आई है।
वित्त वर्ष 2016-17 के अप्रैल से मार्च के दौरान वनस्पति तेलों के आयात में 9 फीसदी की कमी आई है। इस दौरान 14,408,616 टन वनस्पति तेलों का आयात हुआ है जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान 15,548,233 टन वनस्पति तेलों का आयात हुआ था।
विश्व बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में आई कमी से मार्च महीने में आयातित खाद्य तेलों के भाव में फरवरी के मुकाबले भारी गिरावट आई है। मार्च महीने में आरबीडी पामोलीन का भाव भारतीय बंदरगाह पर घटकर 731 डॉलर प्रति टन रह गया जबकि फरवरी में इसका भाव 773 डॉलर प्रति टन था। इसी तरह से क्रुड पाम तेल का भाव फरवरी के 783 डॉलर प्रति टन से घटकर मार्च में 734 डॉलर प्रति टन रह गया। सोयाबीन क्रुड तेल का भाव फरवरी में 812 डॉलर प्रति टन था, जबकि मार्च में इसका भाव घटकर 767 डॉलर प्रति टन रह गया। क्रुड पाम तेल और आरबीडी पामोलीन की कीमतों में अंतर कम होने के कारण रिफाइंड तेलों के आयात में फरवरी के मुकाबले मार्च में बढ़ोतरी हुई है।
घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की उपलब्धता ज्यादा है, जबकि आयातित क्रुड पाम तेल के साथ ही आरबीडी पामोलीन के भाव भी नीचे बने हुए है, इसलिए घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में अभी तेजी की संभावना नहीं है।.................आर एस राणा
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