19 जुलाई 2012
गरीबों को राशन में सस्ती दालें देने की तैयारी
आर एस राणा नई दिल्ली
राज्य अपनी जरूरत के अनुरूप खुद दलहन आयात का फैसला करेंगे
नई व्यवस्था - राज्य सरकारें अपनी आवश्यकता पूरी करने के लिए सार्वजनिक कंपनियों को आयात के लिए कहेंगी। कंपनियां दलहन का आयात करेंगी। आयात राज्यों की मांग पर ही होगा, इसलिए उठाव जल्दी होगा। अगर किसी राज्य को अरहर दाल की आवश्यकता है तो वह अरहर दाल के आयात की ही मांग करेगा।
कमजोर मानसून के चलते दलहन का उत्पादन से इसकी कीमतों में तेजी को लेकर सरकार चौकन्ना हो गई है। सरकार ने रियायती दरों पर दालें सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत वितरित करने की योजना दुबारा शुरू करने की योजना बनाई है। इस बार सरकार 20 रुपये प्रति किलो सब्सिडी देगी। सरकार इस बार दाल बिक्री के लिए इसके आयात की जिम्मेदारी राज्यों को सौंपने पर विचार कर रही है। इस योजना के तहत केवल गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों (बीपीएल) को हर महीने एक किलो दाल की आपूर्ति राशन दुकान से की जाएगी।
केंद्रीय खाद्य मंत्री के. वी. थॉमस ने संवाददाताओं को बताया कि हम दलहन को लेकर चिंतित हैं क्योंकि दलहन का उत्पादन कम होने की आशंका है। इस वजह से कुछ कदम उठाए जा रहे हैं। खाद्य मंत्रालय सस्ती दलहन वितरण की योजना को अंतिम रूप देने से पहले कृषि मंत्रालय से बातचीत कर रहा है। उपभोक्ता मामले मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पीडीएस में आवंटन के लिए दलहन आयात की जिम्मेदारी राज्यों को सौंपने की योजना है।
आयात सार्वजनिक कंपनियों पीईसी, एसटीसी, एमएमटीसी और नेफेड के माध्यम से ही किया जाएगा। लेकिन राज्य सरकारें अपनी आवश्यकता पूरी करने के लिए सार्वजनिक कंपनियों को आयात के लिए कहेंगी। राज्यों की मांग पर कंपनियां दलहन का आयात करेंगी। इससे राज्य आयातित दालों का उठाव करते रहेंगे और जरूरत के अनुरूप दलहन का आयात सुनिश्चित हो सकेगा। अगर किसी राज्य को अरहर दाल की आवश्यकता है तो वह अरहर दाल के आयात की ही मांग करेगा।
उन्होंने बताया कि पीडीएस में सब्सिडी युक्त दालों की सप्लाई केवल बीपीएल परिवारों को ही की जाएगी। मंत्रालय योजना आयोग से राज्य के बीपीएल परिवारों के आंकड़े प्राप्त कर लेगा। उसी के आधार पर राज्य को सब्सिडी का भुगतान कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस स्कीम में प्रत्येक बीपीएल परिवारों को हर महीने एक दाल की आपूर्ति करने की योजना है तथा सब्सिडी की दर 20 रुपये प्रति किलो होगी।
उन्होंने बताया कि पीडीएस में सब्सिडी युक्त दलहन सप्लाई की स्कीम को जून महीने में बंद कर दिया गया था। उस समय केवल पांच-छह राज्य ही इसके तहत दालों का उठाव कर रहे थे तथा सब्सिडी भी 10 रुपये प्रति किलो दी जा रही थी। वर्ष 2011-12 में दलहन की पैदावार में कमी आई है जबकि चालू खरीफ में मानसून की देरी से बुवाई में कमी आई है। इसीलिए घरेलू बाजार में दालों की कीमतों में पिछले पंद्रह दिनों में लगभग 800 से 1,500 रुपये प्रति क्विंटल की भारी तेजी आ चुकी है। (Business Bhaskar..R S Rana)
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