12 जुलाई 2012
सितंबर में नेचुरल रबर के दाम और घटने के आसार
रबर के घरेलू भाव पर अंतरराष्ट्रीय बाजार की नरमी का भी दबाव
क्यों आ रही है मूल्य गिरावट- नेचुरल रबर उत्पादक क्षेत्रों में बारिश कम हो रही है जिससे रबर की टेपिंग बराबर हो रही है। साथ ही ऑटो उद्योग की मांग कमजोर है। इस वजह से घरेलू बाजार में नेचुरल रबर के भाव में गिरावट आई है। यूरोप में आर्थिक मंदी के असर से अंतरराष्ट्रीय बाजार में आई नरमी का भी घरेलू बाजार पर प्रभाव है।
लीन सीजन के बावजूद नेचुरल रबर की कीमतों में गिरावट आ रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी नेचुरल रबर की कीमतों में नरमी है। दरअसल ऑटो टायर उद्योग और दूसरे उपभोक्ता उद्योगों की मांग कमजोर रहने से मूल्य में गिरावट आ रही है। लीन सीजन के बावजूद जून महीने में उत्पादन भी करीब 5 फीसदी बढ़ा है।
सितंबर से आवक का पीक सीजन शुरू हो जाएगा। उस समय रबर की कीमतों में और भी गिरावट आ सकती है।
हरिसंस मलयालम लिमिटेड के रबर सेल्स अधिकारी संतोष कुमार ने बताया कि रबर उत्पादक क्षेत्रों में बारिश कम हो रही है जिससे नेचुरल रबर की टेपिंग बराबर बनी हुई है।
साथ ही ऑटो उद्योग की मांग कमजोर है। जिसकी वजह से घरेलू बाजार में नेचुरल रबर के भाव में गिरावट आई है। उत्पादक क्षेत्रों में बारिश शुरू होने के बाद कीमतों में गिरावट रुकने की संभावना है। भारतीय रबर बोर्ड के अनुसार जून महीने में नेचुरल रबर के उत्पादन में करीब 5 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल उत्पादन 62,000 टन का हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में उत्पादन 59,200 टन का हुआ था।
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से जून के दौरान उत्पादन 1.73 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 1.76 लाख टन का हुआ था। जून महीने में नेचुरल रबर की खपत में भी मामूली 0.6 फीसदी की कमी आकर कुल खपत 82,500 टन की हुई है जबकि पिछले साल जून में 83,000 टन की खपत हुई थी। हालांकि अप्रैल से जून के दौरान इसकी खपत पिछले साल के 2.43 लाख टन से बढ़कर 2.46 लाख टन की हुई।
रबर मर्चेंट्स एसोसिएशन के सचिव अशोक खुराना ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नेचुरल रबर की मांग कमजोर होने से प्रमुख उत्पादक देशों थाइलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया और वियतनाम में नेचुरल रबर की कीमतें घट रही हैं। भारत में चालू वित्त वर्ष के पहले तीन महीनों (अप्रैल से जून) के दौरान इसके आयात में 42 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल आयात 59,582 टन का हुआ है।
विनको ऑटो इंडस्ट्रीज लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर एम. एल. गुप्ता ने बताया कि नॉन-टायर उद्योग की मांग भी कमजोर है। यूरोप में आर्थिक मंदी के असर से अंतरराष्ट्रीय बाजार में नेचुरल रबर के साथ ही सिंथेटिक रबर की कीमतों में भी गिरावट बनी हुई है। कोट्टायम में सात अप्रैल को नेचुरल रबर का भाव 19,800 से 20,000 रुपये प्रति क्विंटल था
जबकि मंगलवार को घटकर 18,100-18,700 रुपये प्रति क्विंटल रह गया। बैंकाक में मंगलवार को नेचुरल रबर का भाव घटकर 17,700 से 17,800 रुपये प्रति क्विंटल (भारतीय मुद्रा में) रह गया। जबकि अप्रैल से अभी तक इसकी कीमतों में करीब 8.4 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। (Business Bhaskar....R S Rana)
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