04 जुलाई 2012
सीएआई का सदस्यता रद्द करने का अनुरोध
कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) ने वायदा बाजार नियामक एफएमसी से अपनी सदस्यता रद्द करने का अनुरोध किया है। दरअसल बोर्ड में मतदान के अधिकार को लेकर सीएआई का गैर-कपास सदस्यों से मतभेद है और इसी वजह से सीएआई ने सदस्यता रद्द करने का अनुरोध किया है।
सीएआई के बोर्ड में गैर-कपास सदस्यों को शामिल करने के मामले पर कुछ महीने पहले एफएमसी ने सीएआई से कहा था कि फैसले लेने की प्रक्रिया में वह सिर्फ कपास सदस्यों को ही शामिल करे। इसके अलावा एफएमसी ने कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के पूर्व सीएमडी एम बी लाल और मुंबई के कपास कारोबारी व निर्यातक शैल एक्सपोट्र्स के एमडी के साथ-साथ उद्योग के दिग्गज विनोद पटोदिया को बोर्ड में शामिल किया था। इन लोगों की नियुक्ति का मकसद सीएआई की रोजाना की गतिविधियों की निगरानी करना था, जहां मोटे तौर पर कुछ सदस्यों का वर्चस्व स्थापित हो गया था। साथ ही इसका मकसद करीब 400 सदस्यों के हितों की रक्षा करना भी था।
एम बी लाल ने कहा - 'एफएमसी ने सीएआई से कहा है कि वह गैर-कपास सदस्यों के मतदान के अधिकार को वापस ले ले क्योंकि यह संगठन प्राथमिक तौर पर कपास के कारोबार से जुड़ा है। कपास के कारोबार में जिनका हित नहीं है, उन्हें फैसला लेने की प्रक्रिया से दूर रखा जाना चाहिए और उनके पास मतदान का अधिकार भी नहीं होना चाहिए ताकि रोजाना की गतिविधियों में अनुशासन स्थापित किया जा सके। चूंकि सीएआई की गतिविधियां उसके अपने उपनियमों से संचालित होती हैं, लिहाजा इसके ठीक तरह से संचालन के लिए अनुशासन जरूरी है।' (BS Hindi)
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