31 जुलाई 2012
पिछले साल कृषि निर्यात 88 फीसदी बढ़ा
सरकार द्वारा संचालित निर्यात संवर्धन संस्था एपीडा की निगरानी में कृषि जिंसों का निर्यात पिछले वित्त वर्ष के दौरान 88 फीसदी बढ़कर 82,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। इस वृद्धि को प्रसंस्कृत खाद्यों, बासमती, गैर-बासमती चावल, ग्वार, मांस उत्पाद तथा मूंगफली के निर्यात में हुई वृद्धि के जरिए हासिल किया गया।
कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के तहत भारत का कृषि जिंसों का निर्यात वित्त 2010-11 के वित्त वर्ष में 43,626.88 करोड़ रुपये का हुआ। एपीडा के अध्यक्ष असित त्रिपाठी ने बताया, कृषि निर्यात से होने वाली आय वित्त वर्ष 2011-12 में बढ़कर 82,000 करोड़ रुपये हो गई। प्रसंस्कृत खाद्यों के निर्यात से होने वाली आय में जो वृद्धि हुई है, उनमें प्रसंस्कृत फलों और सब्जियों, मांस और पोल्ट्री उत्पादों का योगदान है, जिससे निर्यात की आय 2011-12 में बढ़कर 38,950 करोड़ रुपये हो गई, जो वर्ष भर पहले की समान अवधि में 15,816 करोड़ रुपये थी।
प्रीमियम सुगंधित चावल बासमती के निर्यात से होने वाली आय वर्ष 2011-12 में बढ़कर करीब 13,000 करोड़ रुपये हो गई, जो वर्ष 2010-11 में 10,578.68 करोड़ रुपये थी, जबकि गैर-बासमती चावल के निर्यात से होने वाली आय बढ़कर 11,000 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 222.21 करोड़ रुपये थी। मूंगफली के निर्यात से होने वाली आय बढ़कर 12,000 करोड़ रुपये हो गई, जो इससे पिछले साल 2,094.06 करोड़ रुपये थी। त्रिपाठी ने कहा कि कृषि उत्पादों के निर्यात से होने वाली आय में वृद्धि हमारे अनुकूल है। उन्होंने कहा, हमें चालू वित्त वर्ष में यह आय 15 से 20 फीसदी बढऩे की उम्मीद है। (BS Hindi)
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