04 जुलाई 2012
तय हो सकती है प्राकृतिक रबर की न्यूनतम कीमत
वैश्विक बाजार में प्राकृतिक रबर की कीमतों में गिरावट को थामने के लिए विश्व का दूसरे सबसे बड़ा उत्पादक देश इंडोनेशिया दूसरे दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के साथ समझौते के तहत इस जिंस की न्यूनतम कीमत का प्रस्ताव रखने पर विचार कर रहा है। बैंकॉक में रबर की आरएसएस-3 किस्म की कीमत सोमवार को घटकर 183 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई जबकि तीन हफ्ते पहले इसकी कीमत 190 रुपये प्रति किलोग्राम थी।
इंडोनेशिया के व्यापार मंत्री गीता विरजावन ने कहा - मौजूदा वैश्विक आर्थिक हालात में घटती मांग को देखते हुए इस कदम से प्राकृतिक रबर की कीमतों को स्थिर रखने में मदद मिल सकती है। जकार्ता में अपने कार्यालय में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा - न्यूनतम कीमत की व्यवस्था हमारे कई विकल्पों में से है, जिन पर हम विचार कर रहे हैं। सरकार जल्द ही थाईलैंड और मलयेशिया सरकार से इस मुद्दे पर विचार-विमर्श करेगी, लेकिन इसकी तारीख अभी तय नहीं हो पाई है।
थाईलैंड के कृषि व सहकारिता मंत्री एन. साईकुआ ने कहा - ये तीनों देश प्राकृतिक रबर के वैश्विक उत्पादन में 70 फीसदी का योगदान करते हैं और ये आवश्यकता के मुताबिक संयुक्त रूप से निर्यात को सीमित कर सकते हैं और प्राकृतिक रबर के निर्यात कोटा तय कर सकते हैं। थाईलैंड विश्व में प्राकृतिक रबर का सबसे बड़ा उत्पादक देश है और 2011 में यहां 35 लाख टन रबर का उत्पादन हुआ जबकि इंडोनेशिया में 30 लाख टन और मलयेशिया में 9.96 लाख टन रबर का उत्पादन हुआ। 2009 में इन देशों के बीच हुआ त्रिपक्षीय समझौता पहले के आर्थिक संकट के दौर में बिक्री घटाने और कीमतों को बनाए रखने में काफी प्रभावी साबित हुआ था।
इस तिमाही में रबर वायदा 28 फीसदी फिसला है, जो साल 2008 के बाद की सबसे खराब तिमाही है और इस साल रबर में अब तक 10 फीसदी की गिरावट आ चुकी है क्योंकि वैश्विक मांग कमजोर रही है। इंडोनेशियाई रबर एसोसिएशन के चेयरमैन ए सुल्तान आमिर ने कहा - न्यूनतम कीमत करीब 4 डॉलर प्रति किलोग्राम तय की जानी चाहिए। तीनों देशों को आपूर्ति के प्रबंधन की योजना भी बनाने की दरकार होगी और उन्हें निर्यात की मात्रा पर भी सहमति बनानी होगी। साथ ही इसके उत्पादन को भी घटाने पर ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि संयुक्त कोशिश को प्रभावी बनाने के लिए तीनों देशों को सभी कदम उठाने चाहिए, न कि एकमात्र कदम।
किसानों में टैपिंग का काम घटा दिया है, जिसकी वजह से देश में रबर का उत्पादन 9.7 फीसदी घटकर 28 लाख टन रह जाएगा, जो पूर्व के 30 लाख टन के अनुमान से कम है। इस साल की पहली तिमाही में घरेलू उत्पादन पहले ही एक साल पहले के मुकाबले 6 फीसदी घटकर 7 लाख टन पर आ गया है। एसोसिएशन के आंकड़ों से पता चलता है कि उत्पादन घटने के साथ ही निर्यात भी 8 फीसदी घटकर इस साल 23 लाख टन पर आने की संभावना है। इस साल पहली तिमाही के दौरान इंडोनेशिया ने 5,64,320 टन रबर का निर्यात किया, जो एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 10 फीसदी कम है। (BS HIndi)
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