12 जुलाई 2012
मानसून पूरे देश में, फिर भी 23' कम बारिश
कम बारिश से मोटे अनाजों ज्वार, बाजरा व मक्का के उत्पादन पर असर पडऩे की आशंका
बिजनेस भास्कर नई दिल्ली
मानसून अब पूरे देश में पहुंच चुका है। हालांकि, गत 1 जून से लेकर अब तक देश भर में जितनी मानसूनी बारिश हुई है वह सामान्य से 23 फीसदी कम है। यह जानकारी बुधवार को सरकार की ओर से दी गई। यही नहीं, कर्नाटक और महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में मानसून की कमी ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। इन क्षेत्रों में सामान्य से कम बारिश होने का असर मोटे अनाजों मसलन ज्वार, बाजरा और मक्का के उत्पादन पर पडऩे की आशंका है। कृषि मंत्री शरद पवार ने बुधवार को देश भर में मानसून की प्रगति पर चर्चा करने के लिए भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक एल एस राठौर से मुलाकात की। इस अवसर पर शरद पवार ने संवाददाताओं को बताया कि पिछले दस दिनों में मानसून की स्थिति में सुधार हुआ है, लेकिन कर्नाटक और महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में बारिश की कमी का असर मोटे अनाजों की बुवाई पर पड़ा है। इन राज्यों में अभी तक सामान्य से काफी कम बारिश हुई है जिससे मोटे अनाजों के उत्पादन में कमी आने की आशंका है। देशभर में खरीफ फसलों की स्थिति के बारे में उन्होंने कहा कि धान, कपास, गन्ना और सोयाबीन की फसलों को लेकर कोई चिंता नहीं है। हाल ही में हुई बारिश से धान की रोपाई में भी तेजी आएगी। मध्य प्रदेश, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ में अच्छी बारिश हुई है, इसलिए धान उत्पादक क्षेत्रों में अभी तक कोई समस्या नहीं है। कृषि मंत्री ने कहा कि गुजरात और मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में पिछले दो दिनों में अच्छी बारिश हुई है इससे मूंगफली और सोयाबीन की बुवाई में तेजी आएगी। उन्होंने बताया कि समस्या केवल मोटे अनाजों की है जिनकी बुवाई की स्थिति अभी तक अच्छी नहीं है। उन्होंने कहा कि बारिश की कमी से खाद्यान्न की कीमतों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि केंद्रीय पूल में खाद्यान्न का रिकॉर्ड स्टॉक जमा है। आईएमडी के महानिदेशक एल एस राठौर ने संवाददाताओं से कहा कि पूरे देश में मानसून पहुंच चुका है। हालांकि, 1 जून से लेकर अब तक देश भर में जितनी बारिश हुई है वह सामान्य से 23 फीसदी कम है। उन्होंने बताया कि मराठवाड़ा, कर्नाटक और पश्चिमी राजस्थान में सामान्य से कम बारिश हुई है जिसका असर मोटे अनाजों के उत्पादन पर पड़ सकता है। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में बारिश ज्यादा होगी जिससे अभी तक हुई कमी की भरपाई होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि धान की फसल पर अभी तक कम हुई बारिश से कोई फर्क नहीं पड़ा है। (Business Bhaskar.....R S Rana)
मराठवाड़ा, कर्नाटक और पश्चिमी राजस्थान में सामान्य से कम बारिश हुई है जिसका असर मोटे अनाजों के उत्पादन पर पड़ सकता है। आने वाले दिनों में बारिश ज्यादा होगी जिससे अभी तक हुई कमी की भरपाई होने की उम्मीद है।
एल एस राठौर, महानिदेशक, भारतीय मौसम विभाग
पिछले दस दिनों में मानसून की स्थिति में सुधार हुआ है, लेकिन कर्नाटक और महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में बारिश की कमी का असर मोटे अनाजों की बुवाई पर पड़ा है। धान, कपास, गन्ना और सोयाबीन की फसलों को लेकर कोई चिंता नहीं है। बारिश की कमी से खाद्यान्न की कीमतों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
-शरद पवार, कृषि मंत्री
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें