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10 जनवरी 2025

सीसीआई ने 9,600 गांठ कॉटन की बिक्री की, मिलों की सीमित मांग से भाव में मिलाजुला रुख

नई दिल्ली। कॉटन कारपोरेशन ऑफ इंडिया, सीसीआई ने गुरुवार को घरेलू बाजार में 9,600 गांठ, एक गांठ 170 किलो कॉटन की बिक्री की। इसमें से स्पिनिंग मिलों ने 5,900 गांठ कॉटन की खरीद की, जबकि 3,700 गांठ व्यापारियों द्वारा खरीदी गई।


स्पिनिंग मिलों की मांग घटने के कारण गुरुवार को दोपहर बाद गुजरात में कॉटन की कीमतों में गिरावट आई, जबकि इस दौरान उत्तर भारत में इसके भाव स्थिर हो गए।

गुजरात के अहमदाबाद में 29 शंकर-6 किस्म की कॉटन के भाव में गुरुवार को 250 रुपये कमजोर होकर दाम 53,800 से 54,300 रुपये प्रति कैंडी, एक कैंडी-356 किलो रह गए।

पंजाब में रुई के हाजिर डिलीवरी के भाव 5570 से 5580 रुपये प्रति मन बोले गए। हरियाणा में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के भाव 5550 से 5570 रुपये प्रति मन बोले गए। ऊपरी राजस्थान में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के भाव 5570 से 5640 रुपये प्रति मन बोले गए। खैरथल लाइन में कॉटन के भाव 53,900 से 54,000 रुपये कैंडी, एक कैंडी-356 किलो बोले गए।

देशभर की मंडियों में कपास की आवक 1,87,300 गांठ, एक गांठ-170 किलो की हुई।

स्पिनिंग मिलों की मांग कमजोर होने के कारण गुजरात में कॉटन की कीमतों में गिरावट आई, जबकि उत्तर भारत के राज्यों में इसके दाम स्थिर हो गए। व्यापारियों के अनुसार विश्व बाजार में कॉटन की कीमत, घरेलू बाजार की तुलना में नीचे बनी हुई है इसलिए घरेलू बाजार में इसके भाव में अभी बड़ी तेजी के आसार नहीं है।

व्यापारियों के अनुसार खपत का सीजन होने के कारण सूती धागे की स्थानीय मांग पहले की तुलना में बढ़ी है, लेकिन निर्यात मांग कमजोर बनी हुई है। कॉटन के निर्यात में भी पड़ते नहीं लग रहे। हालांकि चालू सीजन में बुआई में आई कमी के साथ ही कई राज्यों में अक्टूबर में हुई बारिश से कॉटन के उत्पादन और क्वालिटी प्रभावित हुई थी। विश्व बाजार में कॉटन की कीमत अभी सीमित दायरे में बनी रहने की उम्मीद है।

कृषि मंत्रालय के पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू खरीफ सीजन में कपास का उत्पादन 299.26 लाख गांठ, एक गांठ-170 किलो होने का अनुमान है, जो क‍ि पिछले खरीफ 2023-24 के 325.22 लाख गांठ के मुकाबले कम है। 

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