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18 जनवरी 2025

चालू वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों के दौरान डीओसी का 10 फीसदी घटा - एसईए

नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहले 9 महीनों अप्रैल से दिसंबर के दौरान डीओसी के निर्यात में 10 फीसदी की गिरावट आकर कुल निर्यात 3,150,678 टन का ही हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका निर्यात 3,496,771 टन का ही हुआ था। इस दौरान सरसों डीओसी के साथ ही कैस्टर एवं राइस ब्रान डीओसी के निर्यात में कमी आई है।


सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, एसईए के अनुसार दिसंबर में देश से डीओसी के निर्यात में 25 फीसदी की कमी आकर कुल निर्यात 398,731 टन का ही हुआ है, जबकि पिछले साल नवंबर में इनका निर्यात 532,729 टन का ही हुआ था।

चालू वर्ष के पहले नौ महीनों (अप्रैल से दिसंबर, 2024) में सोया डीओसी का निर्यात बढ़कर 14.85 लाख टन का हो गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 12.11 लाख टन का ही निर्यात हुआ था। इसका श्रेय जर्मनी और फ्रांस जैसे यूरोपीय खरीदारों द्वारा अधिक आयात को जाता है। हालांकि, हाल के महीनों में विश्व बाजार में सोया डीओसी की आपूर्ति बढ़ने के कारण भारतीय सोया डीओसी को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि दिसंबर के अंत तक पेराई कम रही, जिसके परिणामस्वरूप सोया डीओसी के उत्पादन में गिरावट आई और आने वाले महीनों में खपत और निर्यात में कमी आने की आशंका है।

मक्का और अनाज से डीडीजीएस का उत्पादन और आपूर्ति बढ़ने से स्थानीय बाजार में डीओसी की मांग कम हुई है। इसके अलावा, सरसों डीओसी के लिए बांग्लादेश एक प्रमुख बाजार है, जहां हाल के महीनों में अनिश्चितता के कारण इसके निर्यात में कमी आई है, तथा आगामी दिनों में इसके निर्यात में और भी कमी आने की आशंका है।

भारतीय बंदरगाह पर दिसंबर में सोया डीओसी का भाव कमजोर होकर 363 डॉलर प्रति टन रह गया, जबकि नवंबर में इसका दाम 372 डॉलर प्रति टन था। इस दौरान सरसों डीओसी का मूल्य दिसंबर में भारतीय बंदरगाह पर 270 डॉलर प्रति रहा, जबकि नवंबर में इसका भाव 270 डॉलर प्रति टन ही था। इस दौरान कैस्टर डीओसी का दाम नवंबर के 85 डॉलर प्रति टन से घटकर नवंबर में 81 डॉलर प्रति टन का रह गया।

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