नई दिल्ली। उद्योग ने कॉटन के उत्पादन अनुमान में 2 लाख गांठ की बढ़ोतरी की है। पहली अक्टूबर 2024 से शुरू हुए चालू फसल सीजन 2024-25 में देश में 304.25 लाख गांठ, एक गांठ-170 किलो कॉटन के उत्पादन का अनुमान है, जबकि इससे पहले 302.25 लाख गांठ के उत्पादन का अनुमान था। पिछले फसल सीजन 2023-24 के दौरान देश में 325.29 लाख गांठ कॉटन का उत्पादन हुआ था।
कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया, सीएआई के आरंभिक अनुसार के अनुसार उत्तर भारत के राज्यों पंजाब में कॉटन का उत्पादन फसल सीजन 2024-25 में 1.75 लाख गांठ, हरियाणा में 9.50 लाख गांठ, अपर राजस्थान में 10 लाख गांठ एवं लोअर राजस्थान के 9.25 लाख गांठ को मिलाकर कुल 30.50 लाख गांठ होने का अनुमान है।
सीएआई के अनुसार मध्य भारत के राज्यों गुजरात में चालू फसल सीजन में 80 लाख गांठ, महाराष्ट्र में 90 लाख गांठ तथा मध्य प्रदेश के 19 लाख गांठ को मिलाकर कुल 189 लाख गांठ के उत्पादन का अनुमान है।
दक्षिण भारत के राज्यों में तेलंगाना में चालू फसल सीजन में 42 लाख गांठ, आंध्र प्रदेश में 11 लाख गांठ एवं कर्नाटक में 23 लाख गांठ तथा तमिलनाडु के 4 लाख गांठ को मिलाकर कुल 80 लाख गांठ के कॉटन के उत्पादन का अनुमान है।
ओडिशा में चालू खरीफ में 2.75 लाख गांठ एवं अन्य राज्यों में 2 लाख गांठ कॉटन के उत्पादन का अनुमान है।
सीएआई के अनुसार पहली अक्टूबर 2024 को कॉटन का बकाया स्टॉक 30.19 लाख गांठ का बचा हुआ था, जबकि 304.25 लाख गांठ के उत्पादन का अनुमान है। चालू सीजन में करीब 25 लाख गांठ कॉटन का आयात होने की उम्मीद है। ऐसे में कुल उपलब्धता 359.44 लाख गांठ की बैठेगी।
चालू फसल सीजन में कॉटन की कुल घरेलू खपत 315 लाख गांठ होने का अनुमान है, जबकि इस दौरान 18 लाख गांठ के निर्यात की उम्मीद है।
सीएआई के अनुसार 31 दिसंबर 24 तक 12 लाख गांठ कॉटन क आयात हो चुका है, जबकि इस दौरान 7 लाख गांठ निर्यात की शिपमेंट हुई है। उत्पादक मंडियों में दिसंबर अंत तक 133.85 लाख गांठ कॉटन की आवक हो चुकी है, जिसमें से 84 लाख गांठ की खपत हो चुकी है। अत: पहली जनवरी को मिलों के पास 25 लाख गांठ एवं सीसीआई, महाराष्ट्र फेडरेशन, एमएनसी, जिनर्स एवं निर्यातकों के साथ ही व्यापारियों के पास 60.04 लाख गांठ कॉटन का स्टॉक है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में कपास की बुआई 14 लाख हेक्टेयर घटकर 112.90 लाख हेक्टेयर में ही हुई, जबकि पिछले साल इसकी बुआई 126.90 लाख हेक्टेयर में हुई थी।
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