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29 जनवरी 2025

चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों में कैस्टर तेल का निर्यात 8.18 फीसदी बढ़ा - एसईए

नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2024-25 के पहले 9 महीनों अप्रैल से दिसंबर के दौरान कैस्टर तेल के निर्यात में 8.18 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात 500,553 टन का हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात केवल 462,665 टन का ही हुआ था।


साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, एसईए के अनुसार दिसंबर में कैस्टर तेल का निर्यात घटकर 41,339 टन का ही हुआ है, जबकि पिछले साल दिसंबर में इसका निर्यात 51,227 टन का हुआ था। मूल्य के हिसाब से दिसंबर में कैस्टर तेल का निर्यात 556.50 करोड़ रुपये का हुआ है, जबकि पिछले साल दिसंबर में इसका निर्यात 623.89 करोड़ रुपये का हुआ था।

व्यापारियों के अनुसार चालू सीजन में बुआई में आई कमी से कैस्टर सीड का उत्पादन कम होने का अनुमान है। हालांकि उत्पादक मंडियों में नई फसल की आवकों में बढ़ोतरी हुई है, जिससे कीमतों पर दबाव है।

गुजरात की मंडियों में सोमवार को कैस्टर सीड के भाव 10 रुपये कमजोर होकर 1,260 से 1,275 रुपये प्रति 20 किलो रह गए। इस दौरान राजकोट में कमर्शियल तेल के भाव 2 रुपये घटकर 1,308 रुपये और एफएसजी के 2 रुपये कमजोर होकर 1,318 रुपये प्रति 10 किलो रह गए।

देशभर की मंडियों में कैस्टर सीड की दैनिक आवक सोमवार को 34 से 35 हजार बोरी, एक बोरी 35 किलो की हुई, जिसमें से गुजरात की मंडियों में 29 से 30 हजार बोरी तथा राजस्थान की मंडियों में 3400 से 3500 बोरियों की हो रही है। इसके अलावा करीब 2,200 से 2,500 बोरी सीधे मिल पहुंच का व्यापार हो रहा है।

कृषि मंत्रालय के आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2024-25 के दौरान कैस्टर सीड का उत्पादन घटकर 15.53 लाख टन ही होने का अनुमान है, जबकि इसके पिछले फसल सीजन में 19.59 लाख टन का उत्पादन हुआ था।

कृषि मंत्रालय के अनुसार खरीफ सीजन में कैस्टर सीड की बुआई घटकर केवल 8.20 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 9.50 लाख हेक्टेयर की तुलना में कम थी। 

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