नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2024 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन (अक्टूबर-24 से सितंबर-25) के पहले तीन महीनों पहली अक्टूबर एवं 31 दिसंबर के दौरान चीनी के उत्पादन में 15.58 फीसदी की गिरावट आकर कुल उत्पादन 95.40 लाख टन का ही हुआ है, जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में इसका उत्पादन 113.01 लाख टन का हो चुका था।
इंडियन शुगर एंड बायो-एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन में 493 मिलों में ही पेराई चल रही है, जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में 512 मिलों में पेराई चल रही थी। प्रमुख उत्पादक राज्यों उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक में पेराई दर पिछले साल की तुलना में बेहतर बताई जा रही है। हालांकि, बारिश के कारण गन्ने की आपूर्ति में अस्थायी व्यवधान के कारण दिसंबर 2024 के अंतिम सप्ताह के दौरान उत्तर प्रदेश में पेराई जरूर प्रभावित हुई थी।
इस्मा के अनुसार चालू पेराई सीजन के पहले तीन महीनों के दौरान महाराष्ट्र में चीन का उत्पादन 21.5 फीसदी घटकर 30 लाख टन का ही हुआ है। इस दौरान कर्नाटक में चीनी के उत्पादन में 18.1 फीसदी की गिरावट आकर कुल उत्पादन 20 लाख टन का ही हुआ है। उत्तर प्रदेश में चालू पेराई सीजन में चीनी के पहले तीन महीनों में 4.5 फीसदी की गिरावट आकर कुल उत्पादन 32.8 लाख टन का हुआ है। मालूम हो कि ये तीन राज्य का देश के चीनी के कुल उत्पादन में 80 फीसदी से अधिक योगदान है।
महाराष्ट्र और कर्नाटक में पिछले साल सूखे से गन्ने के उत्पादन में गिरावट के साथ ही उत्तर प्रदेश में लाल सड़न रोग के फैलने से उत्पादन में कमी आने की आशंका है।
इस्मा के अनुसार पेराई सीजन 2024-25 के दौरान चीनी की खपत पिछले सीजन की तुलना में कम रहने की आशंका है। चीनी की कुल घरेलू खपत चालू पेराई सीजन में लगभग 280 लाख टन होने का अनुमान है।
इस्मा के अनुसार शुद्ध चीनी उत्पादन में अंतर सामूहिक रूप से इस साल एथेनॉल में अधिक चीनी के उपयोग (23-24 में 21.5 लाख टन के मुकाबले 40 लाख टन अनुमानित) है। जनवरी 2025 के अंत में चीनी उत्पादन के अपने दूसरे अग्रिम अनुमान को इस्मा जारी करेगा।