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12 जुलाई 2023

ग्राहकी कमजोर बनी रहने से अरहर के भाव घटे, मसूर एवं मूंग की कीमतें तेज

नई दिल्ली। दाल मिलों की खरीद कमजोर बनी रहने से घरेलू बाजार में मंगलवार को अरहर की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई, जबकि देसी मसूर के साथ ही मूंग की कीमतें तेज हो गई। इस दौरान उड़द की कीमतों में मिलाजुला रुख रहा।


बर्मा में लेमन अरहर के साथ ही उड़द एसक्यू एवं एफएक्यू की कीमतें स्थिर हो गई। लेमन अरहर के जुलाई शिपमेंट की फसल सीजन 2023 के भाव 1,285 डॉलर प्रति टन सीएडंएफ पर स्थिर हो गए। इस दौरान उड़द एफएक्यू और एसक्यू के भाव जुलाई शिपमेंट की फसल सीजन 2023 के क्रमशः 960 डॉलर तथा 1,060 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ के पूर्व स्तर पर स्थिर बने रहे।

बर्मा में उड़द की कीमतें स्थिर बनी रही, जबकि घरेलू बाजार में इसके भाव में मिलाजुला रुख देखा गया। व्यापारियों के अनुसार उड़द दाल में दक्षिण भारत की मांग सामान्य की तुलना में कमजोर बनी हुई है जिस कारण दाल मिलें केवल जरुरत के हिसाब से ही खरीद कर रही हैं। बर्मा के स्थानीय बाजार में उड़द का बकाया स्टॉक ज्यादा है जबकि घरेलू मंडियों में समर उड़द की आवक अभी बनी रहेगी। उड़द के उत्पादक राज्यों में हाल ही में हुई बारिश से बुआई में तेजी आने का अनुमान है। इसलिए उड़द में अभी बड़ी तेजी मानकर व्यापार नहीं करना चाहिए।

बर्मा में लेमन अरहर के दाम स्थिर बने रहे, लेकिन घरेलू बाजार में आयातित अरहर की कीमतों में गिरावट आई है। जानकारों के अनुसार अरहर दाल में ग्राहकी सामान्य की तुलना में कमजोर है, जिस कारण दाल मिलें केवल जरुरत के हिसाब से खरीद कर रही हैं। अगले महीने अफ्रीकी देशों से अरहर के आयात में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। ऐसे में अरहर की कीमतों में बड़ी तेजी के आसार अभी नहीं है। हालांकि उत्पादक मंडियों में देसी अरहर की आवक पहले की तुलना में काफी कम हो गई है। साथ ही स्टॉकिस्ट घरेलू बाजार में आयातित अरहर का बकाया स्टॉक कम बता रहे हैं, इसलिए दाम तेज करना चाहते हैं। ऐसे में बढ़े दाम पर अरहर में मुनाफावसूली करनी चाहिए। नेफेड ने गुजरात में फसल सीजन 2021 की अरहर की 9606 रुपये की निविदा स्वीकार की है।

सूत्रों के अनुसार नेफेड 18 जुलाई से अरहर की बिक्री शुरू करेगी। अत: निविदा के माध्यम से करीब 34,000 टन अरहर की बिक्री की जाएगी, जिसमें से 15 हजार टन अफ्रीकी देशों से आयातित अरहर होगी, तथा 18,300 टन देसी एवं लेमन अरहर है। मिलर्स दैनिक आधार पर कम से कम 50 टन एवं ज्यादा से ज्यादा 500 टन प्रतिदिन के हिसाब से खरीद सकेंगे।  

दिल्ली में देसी मसूर के दाम तेज हुए हैं, लेकिन मुंबई में आयातित के दाम स्थिर ही बने रहे। जानकारों के अनुसार मसूर दाल में खपत राज्यों खासकर के बंगाल, बिहार एवं असम की मांग आगामी दिनों में बढ़ेगी, इसलिए मिलर्स की मांग बढ़ने से इसके भाव में सुधार आया है। उत्पादक राज्यों की मंडियों में आगामी दिनों में देसी मसूर की आवकों में कमी आयेगी। हालांकि ऑस्ट्रेलिया और कनाडा से आयातित मसूर का बकाया स्टॉक बंदरगाह पर ज्यादा है तथा इन देशों से आयात अभी बना रहेगी। इसलिए मसूर के भाव में हल्का सुधार बन सकता है, लेकिन अभी बड़ी तेजी के आसार कम है।

कोलकाता में ऑस्ट्रेलियाई मसूर का स्टॉक करीब 1.70 हजार टन का है, जबकि कनाडा की मसूर का स्टॉक केवल 10,000 टन का ही है। ऑस्ट्रेलिया से एक वैसल करीब 25,000 टन मसूर लेकर भारत आ रहा है, जोकि अगस्त के पहले सप्ताह में पहुंचेगा। ऑस्ट्रेलियाई मसूर के भाव जुलाई, अगस्त शिपमेंट के 670 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ है जबकि कनाडा की मसूर के दाम जुलाई, अगस्त शिपमेंट के 710 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ हैं।

दाल मिलों की सीमित मांग से दिल्ली में चना के दाम स्थिर बने हुए हैं। जानकारों के अनुसार नेफेड केंद्रीय पूल से चना उंचे दाम पर बेच रही है साथ ही आगे त्योहारी सीजन शुरू होगा, जिस कारण आगामी दिनों में चना दाल एवं बेसन की मांग में सुधार आयेगा। इसलिए चना की कीमतों में हल्का सुधार बन सकता है, हालांकि बड़ी तेजी के आसार नहीं है। वैसे भी स्टॉकिस्ट दाम घटाकर चना की बिकवाली नहीं कर रहे हैं। नेफेड ने गुजरात में फसल सीजन 22 के चना की बिक्री 4909 रुपये और मध्य प्रदेश में 4,900 रुपये तथा महाराष्ट्र में 4,901 रुपये प्रति क्विंटल की दर से की है।

मूंग की कीमतें दिल्ली में 100 रुपये तेज हुई है। देश के कई राज्यों में बारिश एवं खराब मौसम का असर नई मूंग की आवकों पर पड़ रहा है, इसलिए व्यापारी भाव तेज कर रहे हैं। हालांकि मूंग दाल में ग्राहकी सामान्य की तुलना में कमजोर है, जबकि आगामी दिनों में नई फसल की आवक और बढ़ेगी। चालू समर सीजन में मूंग का उत्पादन अनुमान ज्यादा है, साथ ही चालू खरीफ में भी मूंग की बुआई पिछले साल की तुलना में आगे चल रही है। इसलिए मूंग में बड़ी तेजी मानकर व्यापार नहीं करना चाहिए।

दिल्ली में उड़द एसक्यू के दाम 8775 से 8800 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। इस दौरान एफएक्यू उड़द की कीमतें 50 रुपये तेज होकर दाम 8200 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

चेन्नई में उड़द एसक्यू के हाजिर डिलीवरी के दाम 8350 से 8400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। इस दौरान एफएक्यू उड़द की कीमतें 7800 रुपये प्रति क्विंटल बोली गई।

मुंबई में उड़द एफएक्यू के दाम 50 रुपये कमजोर होकर भाव 7850 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

चेन्नई में लेमन अरहर के दाम 50 रुपये कमजोर होकर भाव 9,750 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

मुंबई में लेमन अरहर के दाम 9,800 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।

मुंबई में अफ्रीकी देशों से आयातित अरहर के दाम कमजोर हुए। सूडान से आयातित अरहर के दाम 100 रुपये घटकर 10,150 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। मोजाम्बिक की सफेद अरहर के भाव 50 रुपये घटकर 8700 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। इस दौरान मोजाम्बिक लाइन की गजरी अरहर की कीमतें 100 रुपये कमजोर होकर 8600 रुपये प्रति क्विंटल रह गई। मलावी से आयातित अरहर के भाव 50 रुपये घटकर दाम 8500 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

दाल मिलों की खरीद बढ़ने से मध्य प्रदेश की मसूर के दाम दिल्ली में 75 रुपये तेज होकर दाम 6050 से 6075 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

हजिरा बंदरगाह पर कनाडा की मसूर के भाव 5600 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। इस दौरान मुंद्रा बंदरगाह पर कनाडा की मसूर के दाम 5500 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। ऑस्ट्रेलिया की मसूर की कीमतें वैसल में 5650 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही। कनाडा की मसूर की कीमतें कंटेनर में 5850 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गई। ऑस्ट्रेलिया की मसूर की कीमतें कंटेनर में 5900 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर स्थिर हो गई।

दिल्ली में राजस्थान के चना के भाव 5200 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने। इस दौरान मध्य प्रदेश के चना के भाव भी 5200 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

राजस्थान लाईन की मूंग की कीमतें दिल्ली में 100 रुपये तेज होकर 7725 से 7750 रुपये प्रति क्विंटल हो गई। इस दौरान जयपुर मूंग के बिल्टी दाम 6800 से 7800 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। इंदौर में बोल्ड मूंग के भाव 100 रुपये बढ़कर 7800 से 8400 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

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