नई दिल्ली। तेल मिलों की खरीद बढ़ने से घरेलू बाजार में सोमवार को सरसों की कीमतों में तेजी दर्ज की गई। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 125 रुपये तेज होकर दाम 5650 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। इस दौरान सरसों की दैनिक आवक बढ़कर साढ़े चार लाख बोरियों की हुई।
व्यापारियों के अनुसार मलेशिया में जहां पाम तेल की कीमतें तेज हुई, वहीं शिकागो में सोया तेल के दाम भी तेज हुए। अत: घरेलू बाजार में मांग बढ़ने से सरसों के साथ ही इसके तेल एवं खल की कीमतों में भी तेजी दर्ज की गई। इस दौरान ब्रांडेड तेल मिलों ने सरसों की खरीद कीमतों में 100 से 150 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की।
जानकारों के अनुसार उत्पादक राज्यों में पिछले दो दिनों से मौसम खराब बना हुआ है, तथा कई स्थानों पर बारिश हुई है। स्टॉकिस्टों के साथ ही किसानों के पास सरसों का बकाया स्टॉक ज्यादा है इसलिए सरसों की दैनिक आवक तो बनी रहेगी, लेकिन नीचे दाम पर बिकवाली कम हो जाती है। आगामी दिनों में खपत का सीजन होने के कारण सरसों तेल की मांग में सुधार आयेगा। इसलिए सरसों की कीमतों में और भी सुधार आ सकता है।
उम्मीद से कम इन्वेंट्री डेटा और चालू महीने में निर्यात बढ़ने की संभावना से सोमवार को मलेशियाई पाम तेल वायदा 2 फीसदी से अधिक तेज होकर बंद हुआ।
र्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (बीएमडी) पर सितंबर महीने के वायदा अनुबंध में पाम तेल की कीमतें 89 रिंगिट यानी 2.32 फीसदी बढ़कर 3,923 रिंगिट प्रति टन हो गई। इस दौरान डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध 0.1 फीसदी गिर गया, जबकि इसका पाम तेल वायदा अनुबंध 0.4 फीसदी बढ़ गया। शिकागो में सोया तेल की कीमतें इस दौरान 2.7 फीसदी तेज हुई।
मलेशियाई पाम ऑयल बोर्ड (एमपीओबी) के आंकड़ों के अनुसार, जून के अंत में मलेशिया का पाम तेल का भंडार पिछले महीने की तुलना में 1.9 फीसदी बढ़कर 1.72 मिलियन टन का हो गया, जोकि उद्योग के पूर्वानुमानों से बहुत कम है।
एमपीओबी के अनुसार क्रूड पाम तेल का उत्पादन 4.6 फीसदी घटकर 1.45 मिलियन टन का रह गया, जबकि इसका निर्यात अनुमान से अधिक 8.6 फीसदी बढ़कर 1.17 मिलियन टन का हो गया।
कार्गो सर्वेक्षक एमस्पेक एग्री और इंटरटेक टेस्टिंग सर्विसेज के आंकड़ों के अनुसार 1-10 जुलाई की अवधि के दौरान मलेशिया से पाम तेल उत्पादों का निर्यात बढ़ा है। जानकारों के अनुसार अन्य खाद्वय तेलों की तुलना में पाम तेल के दाम नीचे होने के साथ ही कमजोर रिगिंट से इसके निर्यात में और भी बढ़ोतरी का अनुमान है। जिससे भाव में सुधार बन सकता है।
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें सोमवार को लगातार दूसरे कार्यदिवस में 10-10 रुपये तेज होकर दाम क्रमशः 1,060 रुपये और 1,050 रुपये प्रति 10 किलो हो गए। इस दौरान सरसों खल के दाम 10 रुपये बढ़कर 2575 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच गए।
देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक सोमवार को बढ़कर साढ़े चार लाख बोरियों की हुई, जबकि इसके पिछले कारोबारी दिवस में आवक चार लाख बोरियों की हुई थी। कुल आवकों में से प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में 2.25 लाख बोरी, मध्य प्रदेश की मंडियों में 65 हजार बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 55 हजार बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 25 हजार बोरी तथा गुजरात में 15 हजार बोरी, एवं अन्य राज्यों की मंडियों में 65 हजार बोरियों की आवक हुई।
व्यापारियों के अनुसार मलेशिया में जहां पाम तेल की कीमतें तेज हुई, वहीं शिकागो में सोया तेल के दाम भी तेज हुए। अत: घरेलू बाजार में मांग बढ़ने से सरसों के साथ ही इसके तेल एवं खल की कीमतों में भी तेजी दर्ज की गई। इस दौरान ब्रांडेड तेल मिलों ने सरसों की खरीद कीमतों में 100 से 150 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की।
जानकारों के अनुसार उत्पादक राज्यों में पिछले दो दिनों से मौसम खराब बना हुआ है, तथा कई स्थानों पर बारिश हुई है। स्टॉकिस्टों के साथ ही किसानों के पास सरसों का बकाया स्टॉक ज्यादा है इसलिए सरसों की दैनिक आवक तो बनी रहेगी, लेकिन नीचे दाम पर बिकवाली कम हो जाती है। आगामी दिनों में खपत का सीजन होने के कारण सरसों तेल की मांग में सुधार आयेगा। इसलिए सरसों की कीमतों में और भी सुधार आ सकता है।
उम्मीद से कम इन्वेंट्री डेटा और चालू महीने में निर्यात बढ़ने की संभावना से सोमवार को मलेशियाई पाम तेल वायदा 2 फीसदी से अधिक तेज होकर बंद हुआ।
र्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (बीएमडी) पर सितंबर महीने के वायदा अनुबंध में पाम तेल की कीमतें 89 रिंगिट यानी 2.32 फीसदी बढ़कर 3,923 रिंगिट प्रति टन हो गई। इस दौरान डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध 0.1 फीसदी गिर गया, जबकि इसका पाम तेल वायदा अनुबंध 0.4 फीसदी बढ़ गया। शिकागो में सोया तेल की कीमतें इस दौरान 2.7 फीसदी तेज हुई।
मलेशियाई पाम ऑयल बोर्ड (एमपीओबी) के आंकड़ों के अनुसार, जून के अंत में मलेशिया का पाम तेल का भंडार पिछले महीने की तुलना में 1.9 फीसदी बढ़कर 1.72 मिलियन टन का हो गया, जोकि उद्योग के पूर्वानुमानों से बहुत कम है।
एमपीओबी के अनुसार क्रूड पाम तेल का उत्पादन 4.6 फीसदी घटकर 1.45 मिलियन टन का रह गया, जबकि इसका निर्यात अनुमान से अधिक 8.6 फीसदी बढ़कर 1.17 मिलियन टन का हो गया।
कार्गो सर्वेक्षक एमस्पेक एग्री और इंटरटेक टेस्टिंग सर्विसेज के आंकड़ों के अनुसार 1-10 जुलाई की अवधि के दौरान मलेशिया से पाम तेल उत्पादों का निर्यात बढ़ा है। जानकारों के अनुसार अन्य खाद्वय तेलों की तुलना में पाम तेल के दाम नीचे होने के साथ ही कमजोर रिगिंट से इसके निर्यात में और भी बढ़ोतरी का अनुमान है। जिससे भाव में सुधार बन सकता है।
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें सोमवार को लगातार दूसरे कार्यदिवस में 10-10 रुपये तेज होकर दाम क्रमशः 1,060 रुपये और 1,050 रुपये प्रति 10 किलो हो गए। इस दौरान सरसों खल के दाम 10 रुपये बढ़कर 2575 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच गए।
देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक सोमवार को बढ़कर साढ़े चार लाख बोरियों की हुई, जबकि इसके पिछले कारोबारी दिवस में आवक चार लाख बोरियों की हुई थी। कुल आवकों में से प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में 2.25 लाख बोरी, मध्य प्रदेश की मंडियों में 65 हजार बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 55 हजार बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 25 हजार बोरी तथा गुजरात में 15 हजार बोरी, एवं अन्य राज्यों की मंडियों में 65 हजार बोरियों की आवक हुई।
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