नई दिल्ली। मध्य जून के बाद देश के कई राज्यों मानसून की सक्रियता बढ़ने से खरीफ फसलों की बुआई में भी तेजी आने लगी है। कृषि मंत्रालय के अनुसार 30 जून तक देशभर में खरीफ फसलों की कुल बुआई बढ़कर 203.19 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 202.34 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है।
भारतीय मौसम विभाग, आईएमडी पहली जून से 30 जून तक देशभर में सामान्य से 13 फीसदी कम बारिश हुई है। इस दौरान 136.5 मिलीमीटर बारिश हुई है, जोकि सामान्य 157.7 मिलीमीटर से कम है।
खरीफ की प्रमुख फसल धान की रोपाई चालू सीजन में घटकर 26.56 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है, जबकि पिछले साल इस समय तक 36.05 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी।
दलहनी फसलों की बुआई शुरुआती चरण में 18.15 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल इस समय तक इनकी बुआई 18.51 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी। खरीफ दलहन की प्रमुख फसल अरहर की बुआई 1.11 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 5.40 लाख हेक्टेयर से कम है। इस दौरान उड़द की बुआई 1.72 लाख हेक्टेयर, मूंग की 11.23 लाख हेक्टेयर एवं अन्य दलहनी फसलों की चार लाख हेक्टेयर में हो चुकी है।
चालू खरीफ में तिलहनी फसलों की बुआई बढ़कर 21.55 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जोकि पिछले साल के समान अवधि के 18.81 लाख हेक्टेयर की तुलना में ज्यादा है। तिलहनी फसलों में मूंगफली की बुआई 15.77 लाख हेक्टेयर में, सोयाबीन की 4.61 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले साल इस समय तक मूंगफली की बुआई 11.74 लाख हेक्टेयर में और सोयाबीन की 5.57 लाख हेक्टेयर में हुई थी। चालू खरीफ में सनफ्लावर की बुआई 26 हजार हेक्टेयर और शीशम की 80 हजार हेक्टेयर में हुई है।
मोटे अनाजों की बुवाई चालू खरीफ के शुरुआती चरण में बढ़कर 36.23 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 22.41 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है। ज्वार की बुआई चालू खरीफ में 98 हजार हेक्टेयर में, बाजरा की 25.67 लाख हेक्टेयर में तथा मक्का की 8.10 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले खरीफ सीजन की समान अवधि में इनकी बुआई क्रमश: 94 हजार हेक्टेयर में, तथा 9.25 लाख हेक्टेयर में एवं 10.70 लाख हेक्टेयर में हुई थी।
कपास की बुआई चालू खरीफ में घटकर 40.49 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 47.04 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी।
गन्ने की बुआई चालू खरीफ में बढ़कर 54.40 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 52.92 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी।
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