नई दिल्ली। बढ़े दाम पर तेल मिलों की खरीद कमजोर होने से सोमवार को घरेलू बाजार में सरसों की कीमतों में नरमी दर्ज की गई। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 25 रुपये कमजोर होकर दाम 5625 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान सरसों की दैनिक आवक घटकर 4.25 लाख बोरियों की रह गई।
व्यापारियों के अनुसार मलेशिया में जहां पाम तेल के दाम तेज हुए हैं, वहीं शिकागो में सोया तेल की कीमतें भी बढ़ी है। हालांकि घरेलू बाजार में बढ़ी हुई कीमतों तेल मिलों की मांग कमजोर होने से नरमी आई, लेकिन व्यापारी ज्यादा मंदे में नहीं है। स्टॉकिस्ट दाम घटाकर सरसों की बिकवाली नहीं कर रहे हैं। इस दौरान सरसों तेल के भाव में हल्का सुधार आया, जबकि खल की कीमतों में तेजी दर्ज की गई।
जानकारों के अनुसार सरसों खल में आगामी महीने के सौदों का व्यापार हो रहा है, वैसे भी इसके दाम पहले ही काफी नीचे आ चुके थे इसलिए मांग बढ़ने की उम्मीद है। त्योहारी सीजन के कारण आगामी दिनों में सरसों तेल की मांग में भी सुधार आयेगा। हालांकि उत्पादक मंडियों में सरसों की दैनिक आवक अभी बनी रहेगी, लेकिन मौजूदा कीमतों में ज्यादा मंदे के आसार नहीं है।
जुलाई में अब तक पाम उत्पादों के निर्यात में हुई बढ़ोतरी से सोमवार को सुबह सीमित दायरे में कारोबार करने के बाद शाम को मलेशियाई पाम तेल वायदा तेजी के साथ बंद हुआ।
बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (बीएमडी) पर अक्टूबर महीने के वायदा अनुबंध में पाम तेल की कीमतें 34 रिंगिट यानी 0.87 फीसदी तेज होकर 3,933 रिंगिट प्रति टन हो गई। इस दौरान डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध 1.04 फीसदी कमजोर हुआ, जबकि इसका पाम तेल वायदा अनुबंध 0.2 फीसदी बढ़ गया। शिकागो में सोया तेल की कीमतें इस दौरान 1.4 फीसदी तेज हुई।
स्वतंत्र निरीक्षण कंपनी एमस्पेक एग्री मलेशिया ने शनिवार को कहा था कि 1-15 जुलाई के दौरान मलेशियाई पाम तेल उत्पादों का निर्यात जून की समान अवधि के मुकाबले 16.7 फीसदी बढ़ गया। एक अन्य कार्गो सर्वेक्षक इंटरटेक टेस्टिंग सर्विसेज ने कहा कि इस दौरान निर्यात में 19.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा कि इंडोनेशिया के पास पाम तेल निर्यातकों को अपने उत्पादन का एक हिस्सा घरेलू बाजार में बेचने के नियमों को बदलने की कोई योजना नहीं है, क्योंकि देश अपने बी35 कार्यक्रम के पूर्ण राष्ट्रव्यापी कार्यान्वयन के लिए तैयारी कर रहा है।
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें सोमवार को एक-एक रुपये तेज होकर दाम क्रमशः 1,079 रुपये और 1,069 रुपये प्रति 10 किलो हो गए। इस दौरान सरसों खल के दाम लगातार 25 रुपये तेज होकर भाव 2605 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच गए।
देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक घटकर सोमवार को 4.25 लाख बोरियों की ही हुई, जबकि इसके पिछले कारोबारी दिवस में आवक पांच लाख बोरियों की ही हुई थी। कुल आवकों में से प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में दो लाख बोरी, मध्य प्रदेश की मंडियों में 65 हजार बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 50 हजार बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 25 हजार बोरी तथा गुजरात में 15 हजार बोरी, एवं अन्य राज्यों की मंडियों में 70 हजार बोरियों की आवक हुई।
व्यापारियों के अनुसार मलेशिया में जहां पाम तेल के दाम तेज हुए हैं, वहीं शिकागो में सोया तेल की कीमतें भी बढ़ी है। हालांकि घरेलू बाजार में बढ़ी हुई कीमतों तेल मिलों की मांग कमजोर होने से नरमी आई, लेकिन व्यापारी ज्यादा मंदे में नहीं है। स्टॉकिस्ट दाम घटाकर सरसों की बिकवाली नहीं कर रहे हैं। इस दौरान सरसों तेल के भाव में हल्का सुधार आया, जबकि खल की कीमतों में तेजी दर्ज की गई।
जानकारों के अनुसार सरसों खल में आगामी महीने के सौदों का व्यापार हो रहा है, वैसे भी इसके दाम पहले ही काफी नीचे आ चुके थे इसलिए मांग बढ़ने की उम्मीद है। त्योहारी सीजन के कारण आगामी दिनों में सरसों तेल की मांग में भी सुधार आयेगा। हालांकि उत्पादक मंडियों में सरसों की दैनिक आवक अभी बनी रहेगी, लेकिन मौजूदा कीमतों में ज्यादा मंदे के आसार नहीं है।
जुलाई में अब तक पाम उत्पादों के निर्यात में हुई बढ़ोतरी से सोमवार को सुबह सीमित दायरे में कारोबार करने के बाद शाम को मलेशियाई पाम तेल वायदा तेजी के साथ बंद हुआ।
बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (बीएमडी) पर अक्टूबर महीने के वायदा अनुबंध में पाम तेल की कीमतें 34 रिंगिट यानी 0.87 फीसदी तेज होकर 3,933 रिंगिट प्रति टन हो गई। इस दौरान डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध 1.04 फीसदी कमजोर हुआ, जबकि इसका पाम तेल वायदा अनुबंध 0.2 फीसदी बढ़ गया। शिकागो में सोया तेल की कीमतें इस दौरान 1.4 फीसदी तेज हुई।
स्वतंत्र निरीक्षण कंपनी एमस्पेक एग्री मलेशिया ने शनिवार को कहा था कि 1-15 जुलाई के दौरान मलेशियाई पाम तेल उत्पादों का निर्यात जून की समान अवधि के मुकाबले 16.7 फीसदी बढ़ गया। एक अन्य कार्गो सर्वेक्षक इंटरटेक टेस्टिंग सर्विसेज ने कहा कि इस दौरान निर्यात में 19.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा कि इंडोनेशिया के पास पाम तेल निर्यातकों को अपने उत्पादन का एक हिस्सा घरेलू बाजार में बेचने के नियमों को बदलने की कोई योजना नहीं है, क्योंकि देश अपने बी35 कार्यक्रम के पूर्ण राष्ट्रव्यापी कार्यान्वयन के लिए तैयारी कर रहा है।
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें सोमवार को एक-एक रुपये तेज होकर दाम क्रमशः 1,079 रुपये और 1,069 रुपये प्रति 10 किलो हो गए। इस दौरान सरसों खल के दाम लगातार 25 रुपये तेज होकर भाव 2605 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच गए।
देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक घटकर सोमवार को 4.25 लाख बोरियों की ही हुई, जबकि इसके पिछले कारोबारी दिवस में आवक पांच लाख बोरियों की ही हुई थी। कुल आवकों में से प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में दो लाख बोरी, मध्य प्रदेश की मंडियों में 65 हजार बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 50 हजार बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 25 हजार बोरी तथा गुजरात में 15 हजार बोरी, एवं अन्य राज्यों की मंडियों में 70 हजार बोरियों की आवक हुई।
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