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14 जुलाई 2023

प्रतिकूल मौसम से धान की फसल को नुकसान, गैर बासमती चावल के निर्यात पर रोक की आशंका

नई दिल्ली। उत्तर भारत के कई राज्यों में जहां बाढ़ जैसे हालात बनने से खरीफ की प्रमुख फसल धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है, वहीं मध्य एवं दक्षिण भारत के कई राज्यों में सामान्य से कम बारिश के कारण धान की रोपाई पिछड़ी है। ऐसे में गैर, बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगाने की आशंका बन गई है।

सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार गैर बासमती चावल की कीमतों की समीक्षा कर रही है, तथा इसकी कीमतों में तेजी जारी रही तो सरकार गैर बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगा सकती है।

उत्तर भारत के कई राज्यों में हाल ही में हुई भारी बारिश से साठी धान की आवक प्रभावित हुई है, साथ ही इन राज्यों में रोपाई की जा चुकी धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है। इसलिए इन राज्यों में हाल ही में बासमती चावल की कीमतों में 200 से 600 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है।

भारतीय मौसम विभाग, आईएमडी के अनुसार चालू मानसूनी सीजन में पहली जून से 13 जुलाई के दौरान मध्य भारत के ओडिशा और महाराष्ट्र में सामान्य की तुलना में क्रमश: 27 और 22 फीसदी बारिश कम हुई है। इसी तरह से दक्षिण भारत के राज्यों तेलंगाना, कर्नाटक और केरल में भी पहली जून से 13 जुलाई तक बारिश सामान्य के मुकाबले क्रमश: 27 फीसदी, 26 फीसदी और 33 फीसदी बारिश कम हुई है। इन राज्यों में गैर बासमती चावल का उत्पादन ज्यादा है। ऐसे में इसकी कीमतों में तेजी आने की आशंका है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2023-24 के पहले दो महीनों अप्रैल से मई के दौरान गैर बासमती चावल का निर्यात बढ़कर 28.45 लाख टन का हुआ है, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका निर्यात केवल 26.79 लाख टन का ही हुआ था। मूल्य के हिसाब से चालू वित्त वर्ष 2023-24 के पहले दो महीनों के दौरान गैर बासमती चावल का निर्यात 8,715 करोड़ रुपये का हुआ है, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका निर्यात केवल 7,395 करोड़ रुपये का ही हुआ था।

इसी तरह से बासमती चावल का निर्यात चालू वित्त वर्ष 2023-24 के पहले दो महीनों अप्रैल से मई के दौरान बढ़कर 8.30 लाख टन का हुआ है, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका निर्यात केवल 6.85 लाख टन का ही हुआ था। मूल्य के हिसाब से चालू वित्त वर्ष 2023-24 के पहले दो महीनों के दौरान बासमती चावल का निर्यात 7,537 करोड़ रुपये का हुआ है, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका निर्यात केवल 5,362 करोड़ रुपये का ही हुआ था। 

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