नई दिल्ली। बढ़ी हुई कीमतों में मांग कमजोर होने से घरेलू बाजार में मंगलवार को कॉटन वॉश के साथ ही बिनौला एवं कपास खली के दाम कमजोर हुए। हालांकि नीचे दाम पर मिलों को पड़ते नहीं लग रहे हैं, इसलिए इनकी कीमतों में हल्की नरमी तो आ सकती है लेकिन बड़ी गिरावट के आसार कम है।
आयातित खाद्वय तेलों की कीमतों में मुनाफावूसली से नरमी आई, इसलिए घरेलू बाजार में कॉटन वॉश के दाम मंगलार को नरम हुए। जालना में कॉटन वॉश की कीमतें 10 रुपये घटकर 890 रुपये प्रति दस किलो रह गई। इस दौरान धुले में कॉटन वॉश के दाम 10 रुपये कमजोर होकर 895 रुपये प्रति 10 किलो रह गए। अकोला में कॉटन वॉश के दाम 10 रुपये नरम होकर 895 रुपये प्रति 10 किलो रह गए।
जानकारों के अनुसार विश्व बाजार में लगातार तीन दिनों की तेजी के बाद मलेशियाई पाम तेल के दाम कमजोर हुए। जिससे घरेलू बाजार में बढ़े दाम पर कॉटन वॉश में मांग कमजोर से भाव में नरमी दर्ज की गई। हालांकि अमेरिका में सोयाबीन की बुआई में कमी के आंकड़े कम आने के बाद शिकागो में पिछले सत्र में सोया तेल की कीमतें तेज हुई थी, जबकि आज शिकागो अवकाश रहा। आगामी दिनों में घरेलू बाजार में कॉटन वॉश के दाम आयातित खाद्वय तेलों की कीमतों में तेजी, मंदी पर निर्भर करेंगे।
बढ़े दाम पर ग्राहकी कम होने से बिनौले के भाव उत्तर भारत के राज्यों में 50 रुपये कमजोर हुए। हरियाणा में बिनौले के भाव 50 रुपये घटकर 3100 से 3250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान श्रीगंगानगर लाइन में बिनौला के दाम 50 रुपये कमजोर होकर दाम 3350 से 3550 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। बिनौला के दाम पंजाब में 50 रुपये घटकर 3150 से 3250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
ग्राहकी कमजोर होने से कपास खली की कीमतें मंगलवार को घट गई। शाहपुर में कपास खली की कीमतें कमजोर होकर 2800 रुपये प्रति क्विंटल रह गई। सेलु में इस दौरान कपास खली के दाम 30 रुपये कमजोर होकर 2800 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान सदाशिवपेट में कपास खली के दाम 15 रुपये घटकर 2725 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
बढ़े दाम पर तेल मिलों की मांग घटने से बिनौला के दाम उत्तर भारत के राज्यों में आज 50 रुपये कमजोर हो गए। व्यापारियों के अनुसार पिछले तीन दिनों से इसके दाम तेज बने हुए थे। आयातित खाद्वय तेलों की कीमतें आज कमजोर हुई, जिससे घरेलू बाजार में बिनौला में तेल मिलों की खरीद कम हो गई। जानकारों का मानना है कि विश्व बाजार में खाद्वय तेलों की कीमतों में अभी ज्यादा मंदा नहीं आयेगा।
बढ़े दाम पर ग्राहकी सीमित होने से कपास खली की कीमतें मंगलवार को नरम होकर बंद हुई। व्यापारियों के अनुसार बिनौला के दाम नरम होने से तेल मिलों की खरीद बढ़ गई। हालांकि मौजूदा कीमतों में तेल मिलों को पड़ते नहीं लग रहे हैं। इसलिए मौजूदा कीमतों में बड़ी गिरावट के आसार कम हैं।
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