नई
दिल्ली। बढ़ी हुई कीमतों में भारतीय आयातकों के साथ ही स्थानीय मांग कमजोर
होने के कारण गुरूवार को बर्मा में उड़द की कीमतों में गिरावट आई, जबकि
लेमन अरहर के दाम स्थिर बने रहे। चना के साथ ही देसी मसूर के भाव घरेलू
मंडियों में बढ़ गए, लेकिन कनाडा की मसूर नरम हो गई। दाल मिलों की सीमित
मांग से अरहर और उड़द में मिलाजुला रुख रहा।
लगातार तीन दिनों की
तेजी के बाद बढ़ी हुई कीमतों में स्थानीय एवं भारतीय आयातकों की मांग कमजोर
होने से बर्मा के स्थानीय बाजार में उड़द एफएक्यू और एसक्यू की कीमतों में
20-20 डॉलर की गिरावट आकर भाव क्रमश: 920 डॉलर और 1,020 डॉलर प्रति टन,
सीएडंएफ के स्तर पर आ गए। लेमन अरहर की कीमतें 820 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ
के पूर्वस्तर पर स्थिर बनी रही। जानकारों के अनुसार मानसून की प्रगति को
देखते हुए भारतीय आयातक मौजूदा भाव पर खरीद नहीं कर रहे हैं। वैसे भी डॉलर
के मुकाबले रुपया कमजोर होने से आयात महंगा पड़ रहा है।
डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होकर आज 78.30 के स्तर पर आ गया, जिससे अरहर, उड़द एवं मसूर के आयात पड़ते और महंगे हो गए।
अरहर
और उड़द दाल में थोक के साथ ही खुदरा में ग्राहकी कमजोर है, तथा अभी इनकी
मांग सामान्य की तुलना में कम ही रहेगी। इसलिए इनके भाव में बड़ी तेजी के
आसार नहीं है। हालांकि आयात पड़ते महंगे होने के साथ ही स्टॉकिस्ट चालू
खरीफ सीजन में इनकी बुआई में कमी आने की आशंका मानकर भाव तेज करना चाहते
हैं। जानकारों के अनुसार अरहर के साथ ही उड़द की बुआई की तस्वीर जुलाई मध्य
तक साफ हो जायेगी।
भारतीय मौसम विभाग, आईएमडी के अनुसार पहली जून
से 23 जून तक देशभर में मानसूनी सामान्य की तुलना में 2 फीसदी ही कम हुई
है, लेकिन महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात के दलहन उत्पादक क्षेत्रों में
अभी बारिश सामान्य की तुलना में काफी कम हुई है, जोकि चितंजनक है।
चना
की कीमतों में सुधार आया है, व्यापारियों के अनुसार नीचे दाम पर जहां
बिकवाली कम आ रही है, वहीं जुलाई में बेसन की मांग में सुधार आने के आसार
है। वैसे भी चना के दाम एमएसपी से काफी नीचे बने हुए हैं। इसलिए इसकी
कीमतों में हल्का सुधार और भी बन सकता है। मसूर की कीमतों में अगले महीने
से भाव में सुधार आ सकता है, लेकिन मूंग का उत्पादन अनुमान चालू समर सीजन
में ज्यादा है। उत्पादक मंडियों में मूंग का बकाया स्टॉक भी अच्छा है इसलिए
मूंग की कीमतों पर दबाव देखा जा रहा है।
मुंबई में बर्मा की लेमन
अरहर का बकाया स्टॉक कम होने के बावजूद भी मिलों की मांग कमजोर होने से भाव
में 25 रुपये की गिरावट आकर दाम 6,150 से 6,175 रुपये प्रति क्विंटल रह
गए।
दूसरी और अफ्रीकी देशों से आयातित अरहर के दाम स्थिर ही बने
रहे। तंजानिया की अरुषा अरहर के साथ ही मटवाना अरहर के दाम क्रमश:
5,450-5,500 रुपये और 5,400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। इस
दौरान मोजाम्बिक लाईन की गजरी अरहर की कीमतें 5,350 से 5,400 रुपये प्रति
क्विंटल के पूर्वस्तर पर स्थिर रही। मलावी अरहर के दाम 4,950 से 5,000
रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।
दिल्ली में बर्मा की लेमन अरहर 2022 की फसल के भाव 6,550 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
दिल्ली
डिलीवरी के लिए महाराष्ट्र की नांदेड़ लाईन की अरहर के भाव 6,400 से 6,600
रुपये प्रति क्विंटल के पूर्वस्तर पर स्थिर बने रहे।
इस दौरान चेन्नई में बर्मा की लेमन अरहर के भाव 6,150 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्वस्तर पर स्थिर हो गए।
दिल्ली
में बर्मा उड़द एसक्यू के भाव के भाव में 50 रुपये की गिरावट आकर भाव
8,100 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, इस दौरान उड़द एफएक्यू के भाव 7,500
रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
आंध्रप्रदेश लाईन की नई उड़द का दिल्ली के लिए व्यापार 7,800 रुपये प्रति क्विंटल की पूर्व दर पर हुआ।
मुंबई में बर्मा उड़द एफएक्यू की कीमतों में 100 रुपये की गिरावट आकर दाम 7,150 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
दिल्ली
में मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में 25 रुपये की तेजी आकर भाव
7,150 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, जबकि इस दौरान कनाडा की मसूर के दाम 50
रुपये कमजोर होकर 7,050 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
कनाडा की मसूर
के भाव मुंबई और मुंद्रा बदंरगाह के साथ ही आस्ट्रेलियाई मसूर की कीमतें
स्थिर बने रही। आस्ट्रेलियाई मसूर के भाव कंटेनर में जहां 7,350 रुपये
प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे, वहीं कनाडा की मसूर के भाव इस दौरान 7,250
रुपये प्रति क्विंटल के पूर्वस्तर पर टिके रहे।
दिल्ली में चना की
कीमतों में 25 रुपये की तेजी आकर राजस्थानी चना के भाव 4,875 रुपये और मध्य
प्रदेश के चना के दाम 4,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
दिल्ली
में मध्य प्रदेश लाईन की मूंग के भाव 100 रुपये कमजोर होकर 6,350 से 6,450
रुपये प्रति क्विंटल रह गए, इस दौरान बिहार लाईन की मोटी मूंग के भाव 50
रुपये घटकर 6,550 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
24 जून 2022
विदेश में उड़द मंदी, घरेलू बाजार में मिलाजुला रुख, चना की कीमतों में सुधार
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