नई
दिल्ली। देश के कई प्रमुख उत्पादक राज्यों में जून में मानसून के साथ ही
प्री मानसून की बारिश कम होने के कारण खरीफ फसलों की शुरूआती बुआई 23.81
फीसदी पिछे चल रही है। कृषि मंत्रालय के अनुसार 24 जून तक देशभर में खरीफ
फसलों की बुआई केवल 140.52 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है, जबकि पिछले साल
इस समय तक 184.44 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी थी
मंत्रालय के
अनुसार खरीफ की प्रमुख फसल धान की रोपाई चालू सीजन में अभी तक केवल 19.59
लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है, जबकि पिछले साल इस समय तक इसकी रोपाई 36.03
लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी।
दलहन की बुआई चालू खरीफ में घटकर
8.70 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल इस समय तक 13.62 लाख
हेक्टेयर में इनकी बुआई हो चुकी थी। खरीफ दलहन की प्रमुख फसल अरहर की बुआई
2.35 लाख हेक्टेयर में, उड़द की बुआई 0.93 लाख हेक्टेयर में और मूंग की
बुआई 3.38 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है, जबकि पिछले खरीफ सीजन की समान
अवधि में इनकी बुआई क्रमश: 5.21 लाख हेक्टेयर में, 1.94 लाख हेक्टेयर में
और 5.13 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी।
मोटे अनाजों की बुआई चालू
खरीफ में घटकर 11.08 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल इस समय तक
18.06 लाख हेक्टेयर में इनकी बुआई हो चुकी थी। ज्वार की बुआई चालू खरीफ
में अभी तक 60 हजार हेक्टेयर में, बाजरा 1.27 लाख हेक्टेयर में और मक्का की
8.13 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है। पिछले साल की समान अवधि में इनकी
बुआई क्रमश: 1.01 लाख हेक्टेयर में, 3.99 लाख हेक्टेयर में और 11.98 लाख
हेक्टेयर में हो चुकी थी।
इसी तरह से चालू खरीफ सीजन में तिलहन
फसलों की बुआई 11.78 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है, जबकि पिछले साल इस समय
तक 22.41 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी थी। खरीफ तिलहन की प्रमुख फसल
सोयाबीन की बुआई मात्र 2.78 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल इस
समय तक 12.50 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी थी। इसी तरह से मूंगफली की
बुआई चालू खरीफ में घटकर 7.62 लाख हेक्टयेर में ही हुई है, जबकि पिछले साल
इस समय तक 8.72 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी थी।
कपास की बुआई चालू खरीफ में घटकर 31.83 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 37.34 लाख हेक्टेयर से कम है।
हालांकि
गन्ने की बुआई जरुर चालू खरीफ में बढ़कर 50.74 लाख हेक्टेयर में हुई है,
जबकि पिछले साल इस समय तक इसकी बुआई 50.16 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी।
28 जून 2022
चालू खरीफ में दलहन, तिलहन के साथ ही मोटे अनाज एवं धान की रोपाई पिछड़ी
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