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07 जून 2022

स्टॉकिस्टों की बिकवाली कम होने से गेहूं स्थिर, 15 लाख टन गेहूं के निर्यात की अनुमति संभव

नई दिल्ली। नीचे भाव में बिकवाली कम आने से गुरूवार को दिल्ली में गेहूं की कीमतें लगभग स्थिर बनी रही। व्यापारियों के अनुसार गेहूं उत्पादों में जून के अंत में मांग निकलने की उम्मीद है, जबकि माना जा रहा है कि केंद्र सरकार आगे करीब 15 लाख टन गेहूं के निर्यात की अनुमति दे सकती है। ऐसे में आगामी दिनों में इसकी कीमतों में करीब 100 से 150 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी बन सकती है।

गुरूवार को दिल्ली में यूपी और राजस्थान के गेहूं का भाव 2,275 रुपये, और मध्य प्रदेश के गेहूं का भाव 2,250 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि दैनिक आवक 7,000 बोरियों की हुई। अधिकांश उत्पादक मंडियों में आज गेहूं की कीमतों में सीमित तेजी, मंदी देखी गई।

गेहूं के निर्यात पर केंद्र सरकार ने 13 मई को रोक लगाई थी, उसके बाद बिकवाली का दबाव बनने से कीमतों में गिरावट आई थी, जबकि मौजूदा भाव में अब स्टॉकिस्ट बिकवाली नहीं कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार पिछले आठ, दस दिनों से एक नामी कंपनी द्वारा गेहूं की बराबर खरीद की जा रही है, ऐसे में माना जा रहा है कि केंद्र सरकार जल्द ही 15 लाख टन गेहूं के निर्यात को मंजूरी दे सकती है, इसमें उन कंपनियों को निर्यात की अनुमति होगी, जिनके पास एलसी होगी।

व्यापारियों के अनुसार चालू सीजन में देश में गेहूं का उत्पादन घटकर 990 लाख टन से भी ही होने का अनुमान है, क्योंकि होली के बाद अचानक मौसम में आये बदलाव से गेहूं की प्रति हेक्टेयर उत्पादकता में कमी आई। हालांकि कृषि मंत्रालय ने गेहूं उत्पादन के अनुमान में अभी तक ज्यादा कटौती नहीं की है। पहले 11.13 करोड़ टन गेहूं के उत्पादन का अनुमान था, जिसे घटाकर 10.6 करोड़ टन किया गया है।

गेहूं की कीमतों में सीजन के आरंभ में तेजी आनी शुरू हो गई थी, इसलिए करीब 35 से 40 फीसदी रोलर फ्लोर ने सालभर की खपत का गेहूं खरीद लिया था, लेकिन 65 से 70 फीसदी मिलों के पास केवल अगले एक से दो महीने की खपत का ही गेहूं है। ऐसे में जुलाई के बाद घरेलू फ्लोर मिलों की मांग भी बढ़ेगी।

उधर केंद्र सरकार द्वारा गेहूं के निर्यात पर रोक लगाए जाने के बावजूद इसकी सरकारी खरीद में अपेक्षित तेजी नहीं आ पाई है। सरकार ने 13 मई को गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था तथा उस दिन तक 179.89 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई थी। उसके बाद 2 जून तक यह आंकड़ा केवल 186.69 लाख टन तक ही पहुंच पाया है। अत: इस दौरान केवल 6.80 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई, ऐसे में 195 लाख टन खरीद के संशोधित लक्ष्य को हासिल कर पाना मुश्किल है। जानकारों के अनुसार केंद्र सरकार गेहूं की एमएसपी पर खरीद को अभी बंद नहीं करेगी, इसलिए आगे इसमें हल्की बढ़ोतरी और भी हो सकती है, लेकिन तय लक्ष्य तक पहुंच पाना मुश्किल है।

चालू रबी में पंजाब की मंडियों से अब तक 96.10 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई है। उधर मध्य प्रदेश की मंडियों से 45.85 लाख टन की खरीद हुई है। हरियाणा की मंडियों से 41.71 लाख टन की हुई है जबकि उत्तर प्रदेश की मंडियों में चालू रबी में अभी तक 2.94 लाख टन गेहूं एमएसपी पर खरीदा गया है।

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