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24 जून 2022

चालू वित्त वर्ष के पहले महीने में बासमती के साथ ही गैर बासमती चावल का निर्यात घटा

नई दिल्ली। घरेलू बाजार में कीमतें तेज होने के कारण चालू वित्त वर्ष 2022-23 के पहले महीने अप्रैल में बासमती के साथ ही गैर बासमती चावल के निर्यात में क्रमश: 11.17 और 19.69 फीसदी की कमी आई है।

घरेलू बाजार में बासमती चावल की कीमतें तेज बनी हुई है, हालांकि उत्पादक मंडियों मेें इस समय साठी धान की आवक हो रही है, लेकिन प्रमुख फसल आने में अभी समय है। व्यापारियों के अनुसार खाड़ी देशों की आयात मांग बराबर बनी हुई है, इसलिए पूसा 1,509 के साथ ही 1,121 किस्म के बासमती चावल सेला और स्टीम के दाम अभी तेज ही बने रहने की उम्मीद है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2022-23 के अप्रैल में बासमती चावल का निर्यात 11.17 फीसदी घटकर केवल 3.18 लाख टन का ही हुआ है, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 3.58 लाख टन का हुआ था। इसी तरह से चालू वित्त वर्ष के पहले महीने अप्रैल में गैर बासमती चावल का निर्यात 19.69 फीसदी घटकर केवल 13.54 लाख टन का ही हुआ है, जबकि पिछले साल अप्रैल में इसका निर्यात 16.86 लाख टन का हुआ था।

मंत्रालय के अनुसार हालांकि मूल्य के हिसाब से चालू वित्त वर्ष 2022-23 के अप्रैल में बासमती चावल का निर्यात बढ़कर 2,457 करोड़ रुपये का हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में अप्रैल के दौरान 2,225 करोड़ रुपये मूल्य का ही निर्यात हुआ था। हालांकि चालू वित्त वर्ष के पहले महीने में गैर बासमती चावल का निर्यात मूल्य के हिसाब से घटकर 3,687 करोड़ रुपये का ही हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 4,445 करोड़ रुपये का हुआ था।

मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान देश से बासमती चावल का कुल निर्यात 39.47 लाख टन का ही हुआ था, जोकि इसके पिछले वित्त वर्ष 2021-22 के 46.30 लाख टन से 14.75 फीसदी कम है। मूल्य के हिसाब से भी वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान देश से बासमती चावल का निर्यात 26,415 करोड़ रुपये का ही हुआ था, जोकि इसके पिछले वित्त वर्ष के 29,848 करोड़ रुपये कम है।

गैर बासमती चावल का निर्यात वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान बढ़कर 172.60 लाख टन का हुआ था, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष 202-22 के दौरान केवल 131.49 लाख टन से ज्यादा है। मूल्य के हिसाब से भी वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान देश से गैर बासमती चावल का निर्यात बढ़कर 45,650 करोड़ रुपये का हुआ, जोकि इसके पिछले वित्त वर्ष के 35,557 करोड़ रुपये से ज्यादा है।

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